हरिद्वार

अब प्रभारी सत्र न्यायाधीश ने खारिज की “फर्जी मुतवल्ली की जमानत….

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में किया फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल..

इस खबर को सुनिए

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: फर्जी वसीयत में एक मकान को मस्जिद बताकर संपत्ति हड़पने का प्रयास करने वाले आरोपी की जमानत प्रभारी सत्र न्यायाधीश पारुल गैरोला ने खारिज कर दी।
ज्वालापुर कैथवाड़ा निवासी जावेद आलम ने बीते 10 मार्च को आरोपी अब्दुल हफीज पुत्र मोहम्मद इब्राहिम निवासी बाजेशाह पीर वाली गली थाना जनकपुरी जिला सहारनपुर व उसके बेटों मुस्तफा उर्फ मुन्ना व मुज्तबा उर्फ हीरो के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया गया था कि उसके भाई का मकान हड़पने के लिए अब्दुल हफीज ने फर्जी वसीयत तैयार करते हुए खुद को मुतवल्ली बताते हुए देहरादून वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। विवेचना के दौरान पाया गया था कि जो वसीयत अब्दुल हफीज ने प्रयोग की है उसका कोई प्रमाण नहीं है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी इंद्रपाल बेदी और वादी की ओर से अधिवक्ता दिनेश वर्मा व सलमान अहमद ने न्यायालय में बताया कि वसीयत के आधार पर मस्जिद दर्शा कर संपत्ति हड़पने का प्रयास किया गया है। विद्वान जज ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए पाया कि अब्दुल हफीज ने कूटरचना कर फर्जी वसीयत तैयार देहरादून वक्फ बोर्ड में इस्तेमाल किया और मकान को मस्जिद बताकर खुद को उसका मुतवल्ली बताया है। कोर्ट ने माना है कि जमानत पर छूटने से गवाहों को डराने धमकाने का अंदेशा है। जिस कारण जमानत का कोई आधार नहीं है। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर प्रभारी सत्र न्यायाधीश पारुल गैरोला ने अब्दुल हफीज की जमानत निरस्त कर दी।
————————

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!