पंच 👊 नामा ब्यूरो
देहरादून: प्रदेश के बहुचर्चित यौन शोषण प्रकरण में अपराधिक षड्यंत्र के आरोपी बनाए गए अपर सचिव ने कोर्ट से बरी होने के बाद अब इस मामले की जांच कर रही एसपी ममता वोहरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपर सचिव के समर्थन में आकर सचिवालय संघ ने भी तेजतर्रार महिला अफसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से की है।
साल 2013 में एक युवती ने तत्कालीन संयुक्त सचिव जेपी जोशी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। युवती ने तत्कालीन संयुक्त सचिव एसएस वल्दिया समेत अन्य लोगों पर भी वीडियो क्लिपिंग बनाने और ब्लैकमेल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि युवती बार-बार अपने बयान बदलती रही और पुलिस को भी बैकफुट पर आना पड़ा। जिसके बाद एसएस वल्दिया का नाम आपराधिक षड्यंत्र के तहत नामजद किया गया था। इस मामले में मुख्य आरोपी जेपी जोशी के अलावा तत्कालीन संयुक्त सचिव एसएस वल्दिया आदि को भी जेल जाना पड़ा। साथ ही उन्हें सस्पेंड भी किया गया।
इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था। एक आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद इस मामले की सुनवाई उत्तराखंड से बाहर पटियाला फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। जिसमें आपराधिक षड्यंत्र के आरोपी बनाए गए तत्कालीन संयुक्त सचिव और वर्तमान में अपर सचिव एसएस वल्दिया को कोर्ट से बरी कर दिया गया है। जिस पर बल दिया ने विवेचना अधिकारी पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। वल्दिया का कहना है कि विवेचना अधिकारी ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया। कोर्ट से दोषमुक्त करार देने के बाद अब सरकार को विवेचक की भूमिका का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना अपराध उन्हें एक अपराधी के तौर पर पेश किया गया। वह इस मामले में कानूनी राय लेकर जरूरी कदम भी उठाएंगे। वहीं, वल्दिया के समर्थन में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने भी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार से आवश्यक कदम उठाने और विवेचक की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की मांग की है।