पत्नी के शौक पूरे करने के लिए चोर बन गया पांचवी पास युवक, मास्टर चाबी से चुराई अनगिनत बाइक..
अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़, 13 बाइक बरामद, डकैती में भी जेल जा चुका आरोपी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: हरिद्वार में बढ़ती वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर जनपद’भर में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
इसी अभियान के तहत कोतवाली रानीपुर पुलिस और सीआईयू की संयुक्त टीम ने एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। इस अभियान में न केवल हरिद्वार पुलिस ने चोरी की गई 13 मोटरसाइकिलें बरामद कीं, बल्कि गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर अपराध की पूरी कहानी भी उजागर कर दी। आरोपी पत्नी के शौक पूरे करने के लिए चोरी के धंधे में उतरा था। दरअसल हरिद्वार में पिछले कुछ महीनों से वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार और एसपी देहात स्वप्न किशोर के साथ की गई बैठकों में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
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सघन चेकिंग में मिला सुराग, रेगुलेटर पुल पर हुई गिरफ्तारी……
बीती 4 नवंबर को शकील, निवासी बुड्ढाहेडी पथरी हरिद्वार ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी स्प्लेंडर बाइक पीठ बाजार सेक्टर-4 से चोरी हो गई है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने घटना स्थल पर जाकर जानकारी जुटाई और चोरों की खोजबीन शुरू की।
रानीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी के नेतृत्व में गठित पुलिस की संयुक्त टीम ने रेगुलेटर पुल सुमननगर पर चेकिंग के दौरान संदिग्ध विकास कुमार को गिरफ्तार किया, जिसके पास से पीठ बाजार से चोरी की गई बाइक भी बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपी विकास कुमार से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वह केवल पांचवीं कक्षा तक पढ़ा है, लेकिन अपराध की दुनिया में कई मुकदमों में शामिल रहा है। उसने वर्ष 2022 में कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में अमन ज्वैलर्स डकैती कांड में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा, विकास चोरी, डकैती, और गैंगस्टर एक्ट के तहत लगभग दर्जन भर मामलों में आरोपी है।
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चोरी की तकनीक: “मास्टर की” से खोलता था बाइक लॉक…..
विकास चोरी के लिए “मास्टर की” का इस्तेमाल करता था, जिससे वह मोटरसाइकिलों को आसानी से अनलॉक कर सकता था। उसने यह भी बताया कि वह भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे पीठ बाजार, मेला ग्राउंड, और अस्पतालों के बाहर से मोटरसाइकिलें चुराता था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। चोर गिरोह की पसंदीदा बाइक मॉडल स्प्लेंडर, टीवीएस स्टार स्पोर्ट्स, और बजाज प्लैटिना हैं। विकास इन बाइकों को 8,000 से 10,000 रुपये में बेचता था। यदि किसी बाइक के लिए इससे कम कीमत लगती, तो वह मना कर देता था।
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चोरी के वाहन छिपाने का तरीका: झाड़ियों में छुपा रखी थी बाइकें….आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह चोरी की बाइकों को न्यू शिवालिक नगर के पास झाड़ियों में छिपा देता था। मौका मिलने पर वह एक-एक कर बाइकों को रुड़की ले जाकर बेचने की योजना बना रहा था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने झाड़ियों से 12 अन्य चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद कीं। बरामद दोपहिया वाहनों में कुछ उत्तराखंड के विभिन्न थानों के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी संबंधित पाए गए हैं।
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शौक पूरे करने के लिए चुना चोरी का रास्ता….
पांचवीं पास विकास पिछले 11 वर्षों से हरिद्वार के सिटी क्षेत्र में निवास कर रहा है। उसने अपने और अपनी पत्नी के शौक पूरे करने के लिए चोरी का रास्ता अपनाया। चोरी में जल्दी पैसा मिलने के कारण उसने यह आपराधिक रास्ता चुना। आम लोगों की नजर में वह चूड़ी बेचने का काम करता था, जिससे उसके ऊपर किसी को शक नहीं होता। इससे पहले वह सिडकुल क्षेत्र की कई कंपनियों में भी काम कर चुका है।
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आरोपी का आपराधिक इतिहास…..
पुलिस जांच में पता चला है कि विकास का आपराधिक रिकॉर्ड बहुत पुराना है। वह कई गंभीर मामलों में शामिल रह चुका है, जिनमें डकैती, चोरी, और गैंगस्टर एक्ट शामिल हैं। इसके अलावा, विकास जेल में अपने कुछ साथियों के लिए बाइक चुराने का काम भी करता था।
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पुलिस टीम की सराहनीय कार्यवाही….
इस ऑपरेशन में कोतवाली रानीपुर के प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक रानीपुर कमल मोहन भण्डारी के नेतृत्व में एसएसआई मनोहर रावत, उपनिरीक्षक विकास रावत, अ0उपनिरीक्षक नन्दकिशोर, अ0उपनिरीक्षक सुबोध घिल्डियाल, हेडकांस्टेबल जितेन्द्र चौधरी, कांस्टेबल दीप गौड, विवेक गुसांई, संजय रावत व प्रेम समेत सीआईयू टीम से प्रभारी निरीक्षक दिग्पाल सिंह कोहली, उपनिरीक्षक ऋतुराज सिंह, हेडकांस्टेबल पदम, कांस्टेबल हरवीर, विवेक व वसीम ने सक्रिय भूमिका निभाई।