पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: एक कंपनी और पूर्व निदेशक के बीच विवादों का निपटारा कराने के नाम पर दिल्ली के तीन अधिवक्ताओं ने रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की एक कंपनी को 2.14 करोड़ का चूना लगा दिया। अधिवक्ताओं ने रकम न तो आगे पहुंचाई और न वापस लौटाई। कंपनी ने अब महिला अधिवक्ता सहित तीनों अधिवक्ताओं के खिलाफ रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर मजरी स्थित लक्ष्मी वाटिका कंपनी के निदेशक गुरुदेव सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि हिमांशु आहूजा, दीप्ति और वीके आहूजा एडवोकेट्स कार्यालय डिफैन्स कालोनी नई दिल्ली उनकी कंपनी के कन्सलटेन्ट अधिवक्ता नियुक्त चले आ रहे थे।
वर्ष 2016 में कम्पनी के पूर्व निदेशक संजीवानंद से विवाद और मुकदमेबाजी होने पर तीनों अधिवक्ताओं ने एक कूटरचित प्रस्ताव कंपनी के सभी विवाद व लेनदेन का निपटारा कराने के लिए दिया और तीन करोड़ रुपये की मांग की। जिस पर कंपनी ने अलग-अलग किश्तों में 2.14 करोड़ रुपये अधिवक्ताओं के बैंक खातों व कैश दिए। लेकिन विवाद खत्म नहीं हुए। 18 दिसंबर 2020 के बाद अधिवक्ताओं ने फोन कॉल रिसीव कराने भी बंद कर दिए। जानकारी लेने पर पता चला कि उन्होंने कोई भी रकम कंपनी के पूर्व निदेशक संजीवानंद को नहीं दी। दिल्ली पहुंचने पर उनके आफिस भी बंद मिले। आरोप है कि कंपनी के विवादों का निपटारा कराने के नाम पर तीनों अधिवक्ता धोखाधड़ी कर 2.14 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए। रानीपुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।