पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मरीज को डॉक्टर के पास लेकर जा रहे एक कार चालक को सीट बेल्ट ना लगाने पर परिवहन विभाग के दारोगा ने रोक लिया। आरोप है कि दारोगा ने जुर्माने के तौर पर चार हजार रुपये मांगे। मोलभाव होने पर दो हजार लेकर मामला रफा दफा करने पर बात बनी।
दो हजार की रिश्वत लेते दारोगा को चालक ने अपने सहयोगी की मदद से मोबाइल के कमरे में कैद कर लिया। इसके बाद इस वीडियो को एक्स पर पोस्ट कर दिया। रिश्वत लेते दारोगा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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हरिद्वार से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां परिवहन विभाग के एक दरोगा का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दारोगा को एक राहगीर से कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि राहगीर अपने मरीज को डॉक्टर के पास ले जा रहा था, लेकिन उसने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी।
इसके बावजूद दरोगा ने मानवीयता दिखाने के बजाय 2000 रुपये की रिश्वत ले ली। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर डाला गया है, जहां इसे तेजी से साझा किया जा रहा है। वीडियो के साथ लिखा गया है, “मरीज की हालत गंभीर थी, लेकिन दरोगा ने अपनी ड्यूटी भूलकर पैसों की मांग की।
लोगों का कहना है कि कानून की रक्षा करने वाले अधिकारी जब खुद कानून तोड़ते हैं तो जनता का भरोसा टूटता है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह शर्मनाक है कि जिन पर हम भरोसा करते हैं, वे ही ऐसे काम करते हैं।” वहीं, दूसरे यूजर ने सवाल उठाया कि क्या भ्रष्टाचार कभी खत्म होगा..? बताया जा रहा है कि परिवहन मुख्यालय ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और आरोपी दारोगा के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।वायरल वीडियो पर लिया गया संज्ञान….
वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), देहरादून ने कड़ी कार्रवाई की है। प्राप्त शिकायतों और वीडियो के आधार पर उन्होंने उपनिरीक्षक मुकेश वर्मा को तत्काल प्रभाव से उनके प्रवर्तन कार्यों से विरत कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और अन्य शिकायतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। उपनिरीक्षक मुकेश वर्मा को हरिद्वार से हटाकर देहरादून के सम्भागीय परिवहन कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है। उनके खिलाफ नियमानुसार आगे की जांच और कार्रवाई की जाएगी।