पंच👊नामा
रुड़की: नगर निगम चुनाव में मेयर पद के दावेदारों की सूची लगातार लंबी होती जा रही है। इन्हीं दावेदारों की कतार में अब कांग्रेस के महानगर जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी की पुत्री पूर्णिमा चौधरी का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने अपनी दावेदारी का औपचारिक ऐलान करते हुए अपना आवेदन पत्र बतौर जिलाध्यक्ष अपने पिता राजेंद्र चौधरी को सौंपा।मीडिया से बातचीत में पूर्णिमा चौधरी ने रुड़की नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि नगर निगम में आज किसी भी काम को करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, चाहे वह दस्तावेज बनवाने का काम हो या अन्य कोई सेवा। उन्होंने वादा किया कि अगर उन्हें मौका मिला, तो सबसे पहले इस भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का काम करेंगी।
————————————–
सड़कों और जलभराव की समस्या पर फोकस……पूर्णिमा ने कहा कि रुड़की की निर्माणाधीन सड़कों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके चलते सड़कों की गुणवत्ता बेहद खराब है। इसके अलावा, उन्होंने रुड़की में हर साल बारिश के दौरान होने वाली जलभराव की समस्या को भी प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा।
————————————–
लाइब्रेरी और अन्य सुविधाओं पर दिया जोर…….रुड़की में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए बेहतर लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का अभाव भी पूर्णिमा के एजेंडे में शामिल है। उन्होंने वादा किया कि वह शिक्षा, स्वच्छता और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी।
————————————–
सत्ता पक्ष पर लगाए गंभीर आरोप…..पूर्णिमा चौधरी ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में रुड़की नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। आम जनता की समस्याओं को नज़रअंदाज किया जा रहा है, और विकास कार्य केवल कागजों तक ही सीमित हैं।
————————————–
युवाओं और महिलाओं का समर्थन……पूर्णिमा चौधरी ने कहा कि वह एक युवा चेहरा हैं और युवाओं व महिलाओं की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझती हैं। उनका कहना है कि रुड़की में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना और उनके सशक्तिकरण पर ध्यान देना उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा।
————————————–
विकास का विजन…….
पूर्णिमा ने कहा कि उनका मकसद रुड़की को भ्रष्टाचार मुक्त बनाते हुए एक आदर्श नगर निगम का निर्माण करना है। उन्होंने जनता से अपील की कि वह उनके विजन और नीतियों पर भरोसा करें और उन्हें सेवा का अवसर प्रदान करें। अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व पूर्णिमा चौधरी की दावेदारी को कितना महत्व देता है और आने वाले चुनाव में वह जनता का कितना विश्वास जीत पाती हैं।