
पंच👊नामा
पिरान कलियर: नगर पंचायत चुनाव का रण, इस बार कई दिलचस्प मोड़ों से गुजरता दिख रहा है। हर उम्मीदवार अपनी चुनावी नैया पार लगाने के लिए तरह-तरह के दांव-पेच और हथकंडों का सहारा ले रहा है। इस राजनीतिक अखाड़े में इस बार बसपा ने समीना को अपना उम्मीदवार बनाया है।  समीना, पूर्व प्रधान सलीम की पत्नी हैं, सलीम प्रधान पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर हार का स्वाद चख चुके हैं। अब बसपा के हाथी पर सवार होकर, सलीम प्रधान अपनी पत्नी को जीत का ताज पहनाने की दौड़ लगा रहे हैं।
समीना, पूर्व प्रधान सलीम की पत्नी हैं, सलीम प्रधान पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर हार का स्वाद चख चुके हैं। अब बसपा के हाथी पर सवार होकर, सलीम प्रधान अपनी पत्नी को जीत का ताज पहनाने की दौड़ लगा रहे हैं।
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बसपा का जनाधार या सिर्फ एक सपना….? कलियर नगर पंचायत सीट पर बसपा का जनाधार हमेशा ही कमजोर रहा है। यहां पार्टी का कैडर वोट ना के बराबर है, जबकि कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक पहले से मौजूद है। ऐसे में समीना की उम्मीदवारी पर सवाल उठता है—क्या बसपा का हाथी वाकई इस सीट पर दौड़ पाएगा, या यह केवल बसपा का नीला हाथी सफेद हाथी का काम करेगा…?
कलियर नगर पंचायत सीट पर बसपा का जनाधार हमेशा ही कमजोर रहा है। यहां पार्टी का कैडर वोट ना के बराबर है, जबकि कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक पहले से मौजूद है। ऐसे में समीना की उम्मीदवारी पर सवाल उठता है—क्या बसपा का हाथी वाकई इस सीट पर दौड़ पाएगा, या यह केवल बसपा का नीला हाथी सफेद हाथी का काम करेगा…?
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विधायक शहजाद का दांव…. सलीम प्रधान की नैया पार लगाने के लिए लक्सर विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद और उनका परिवार पूरी ताकत झोंक रहा है। यह भी दिलचस्प है कि हाजी शहजाद, समीना के रिश्तेदार हैं, और उनकी सक्रियता इस चुनाव में हर किसी के लिए चर्चा का विषय है। स्थानीय जनता के मन में यह सवाल गहराता जा रहा है कि अगर समीना जीतती हैं, तो क्या भविष्य में भी विधायक का सहारा लिया जाएगा, या जनता को एक मजबूत, स्वावलंबी प्रतिनिधि मिलेगा..?
सलीम प्रधान की नैया पार लगाने के लिए लक्सर विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद और उनका परिवार पूरी ताकत झोंक रहा है। यह भी दिलचस्प है कि हाजी शहजाद, समीना के रिश्तेदार हैं, और उनकी सक्रियता इस चुनाव में हर किसी के लिए चर्चा का विषय है। स्थानीय जनता के मन में यह सवाल गहराता जा रहा है कि अगर समीना जीतती हैं, तो क्या भविष्य में भी विधायक का सहारा लिया जाएगा, या जनता को एक मजबूत, स्वावलंबी प्रतिनिधि मिलेगा..?
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हवाई पैराशूट बनाम स्थानीय प्रतिनिधि…. जनता के बीच यह भी चर्चा गर्म है कि चुनाव में स्थानीय प्रतिनिधि ज्यादा महत्व रखते हैं या बाहरी समर्थन से टिकाए गए उम्मीदवार..? समीना की उम्मीदवारी को ‘हवाई पैराशूट’ करार देते हुए कई लोग कहते हैं कि बसपा प्रत्याशी की लोकप्रियता उनकी अपनी नहीं, बल्कि विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद की मेहनत का नतीजा है।
जनता के बीच यह भी चर्चा गर्म है कि चुनाव में स्थानीय प्रतिनिधि ज्यादा महत्व रखते हैं या बाहरी समर्थन से टिकाए गए उम्मीदवार..? समीना की उम्मीदवारी को ‘हवाई पैराशूट’ करार देते हुए कई लोग कहते हैं कि बसपा प्रत्याशी की लोकप्रियता उनकी अपनी नहीं, बल्कि विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद की मेहनत का नतीजा है।
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शहजाद का बदला और समीना की उम्मीद…… इस चुनावी दांवपेंच को और दिलचस्प बनाता है शहजाद का राजनीतिक सफर। कलियर विधानसभा से कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद से लगातार दो चुनाव हारने के बाद, इस बार लक्सर सीट पर जीत हासिल करने वाले हाजी शहजाद शायद अपनी पुरानी हार का बदला लेने की कोशिश में हैं। समीना को जिताने की उनकी कोशिशें इसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही हैं।
इस चुनावी दांवपेंच को और दिलचस्प बनाता है शहजाद का राजनीतिक सफर। कलियर विधानसभा से कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद से लगातार दो चुनाव हारने के बाद, इस बार लक्सर सीट पर जीत हासिल करने वाले हाजी शहजाद शायद अपनी पुरानी हार का बदला लेने की कोशिश में हैं। समीना को जिताने की उनकी कोशिशें इसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही हैं।
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सलीम प्रधान का चुनावी रिपोर्ट कार्ड…… राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो सलीम प्रधान का अब तक का सफर ऐसा नहीं रहा कि जनता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाए। उनकी पहचान और समर्थन का बड़ा हिस्सा विधायक शहजाद के वोट बैंक का ही हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या जनता इस बार भी बाहरी प्रभाव में आएगी, या फिर अपने अनुभव से सीख लेकर कोई नया अध्याय लिखेगी..?
राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो सलीम प्रधान का अब तक का सफर ऐसा नहीं रहा कि जनता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाए। उनकी पहचान और समर्थन का बड़ा हिस्सा विधायक शहजाद के वोट बैंक का ही हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या जनता इस बार भी बाहरी प्रभाव में आएगी, या फिर अपने अनुभव से सीख लेकर कोई नया अध्याय लिखेगी..? इस बार का चुनाव केवल समीना बनाम कांग्रेस नहीं है, बल्कि यह सवाल भी है कि कलियर नगर पंचायत का भविष्य किन हाथों में सुरक्षित रहेगा। क्या जनता बसपा के ‘हाथी’ पर विश्वास करेगी, जिसे चलाने की बागडोर सलीम प्रधान और उनके रिश्तेदार विधायक शहजाद के हाथ में है..? या फिर कांग्रेस के आधार को फिर से तरजीह दी जाएगी..? चुनाव का नतीजा चाहे जो हो, लेकिन राजनीति के इस खेल में सियासी ताने-बाने और परिवारवाद की चर्चा फिलहाल जोरों पर है।
इस बार का चुनाव केवल समीना बनाम कांग्रेस नहीं है, बल्कि यह सवाल भी है कि कलियर नगर पंचायत का भविष्य किन हाथों में सुरक्षित रहेगा। क्या जनता बसपा के ‘हाथी’ पर विश्वास करेगी, जिसे चलाने की बागडोर सलीम प्रधान और उनके रिश्तेदार विधायक शहजाद के हाथ में है..? या फिर कांग्रेस के आधार को फिर से तरजीह दी जाएगी..? चुनाव का नतीजा चाहे जो हो, लेकिन राजनीति के इस खेल में सियासी ताने-बाने और परिवारवाद की चर्चा फिलहाल जोरों पर है।
 
				
 
					


