दरगाह दफ्तर का लाव-लश्कर, सारी मशक्कत “कब्जेदारों के आगे धड़ाम..
मुक्त कराई गई दुकानों में फिर हुए कब्जे,, भ्र्ष्टाचार के चलते दरगाह कार्यालय नजर आ रहा लाचार..

पंच👊नामा-पिरान कलियर: दरगाह दफ्तर का भृष्टाचार किस कदर हावी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन दुकानों को अधिकारियों ने पूरे लाव लश्कर के साथ कब्जाधारियों से कब्जामुक्त कराया था चंद दिनों बाद ही उन्ही दुकानों पर कब्जाधारियों का कब्जा दिखाई देने लगा। बिडम्बना ये है कि दफ्तर के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी बेख़बर बनने का ढोंग रच रहे है।
गौरतलब है कि दरगाह कार्यालय की ओर से हज हाउस मार्ग स्थित नवाब बाजार में चार दुकानों को 11 माह के लिए नीलाम किया गया था, तब दरगाह प्रशासन ने अवैध कब्जाधारियों से उन दुकानों को खाली कराकर नीलामी छुड़ाने वालो को कब्जा दिया गया था, लेकिन समय अवधि पूरी होने पर भी यह लोग दुकाने खाली करने को तैयार नही थे, जिसके बाद नोटिस की कार्रवाई की गई और अंत मे तहसील प्रशासन ने पुलिस बल के साथ इन दुकानों को कब्जामुक्त कराया था, इसके बाद दरगाह दफ्तर की ओर से इन दिनों को दोबारा नीलाम करने की बात कही गई थी।
लेकिन चंद दिनों बाद ही वही कब्जाधारी इन दुकानों पर बिना किसी नीलाम प्रक्रिया के कब्जा किए हुए दिखाई दे रहे है। ऐसे में दरगाह दफ्तर व तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे है। अब देखना ये होगा कि दरगाह दफ्तर इन अवैध कब्जाधारियों से कब तक दुकाने कब्जामुक्त कराता है, या फिर इसी ढर्रे पर चलकर दरगाह की आय को नुकसान पंहुचाया जाता है।