उत्तराखंड

सीजन निपटने के बाद नींद से जागे अफसर, किसानों को अब बांट रहे मधुपालन के बॉक्स..

अधिकारियों की सुस्ती पर सवाल, सीजन बीतने पर योजनाओं का किसको होगा लाभ..?

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पंच👊नामा
हरिद्वार: सरकारी योजनाओं का हाल भी बदहाल है। स्थिति यह है कि जब सीजन समाप्ति की ओर है, तब जाकर योजना के तहत चयनित किसानों काे मधुपालन के बॉक्स दिए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन, सरकार के साथ बॉक्स देने वाले टेंडरधारकों को जरूर लाभ हो जाएगा। जिससे सरकारी की ओर से युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए शुरू की योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं।सरकार की ओर से प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार से जिला योजना से जनपद के 125 युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए 80 फीसदी छूट पर 25-25 मधुमक्खी के बॉक्स दिए जाने हैं। सरकार की ओर से प्रत्येक बॉक्स की कीमत चार हजार रुपये तय की गई है। जिसमें आठ फ्रेम मधुमक्खी समेत एक बॉक्स और एक सुपर शामिल है। इसमें युवाओं को 80 फीसदी अनुदान के हिसाब से 3200 रुपये प्रति बॉक्स छूट देकर स्वरोजगार देने के लिए प्रोत्साहित करने के ढोल पीटे जा रहे हैं, लेकिन, योजना का लाभ युवाओं को तब दिया जा रहा है, जब, मधुपालन योजना का सीजन खत्म होने के कगार पर पहुंच रहा है। क्योंकि, मधुपालन का सीजन नवंबर से शुरू हो जाता है। जिसमें मधुपालक राजस्थान के भरतपुर, दौंसा, करोली, भरतपुर, अलवर आदि में अपने मधुमक्खी के बॉक्सों लेकर जाते हैं, जहां, वह साल का मुख्य सीजन सरसों का लेते हैं, दरअसल, राजस्थान में सबसे ज्यादा सरसों की खेती जाती है, इसलिए, मुधपालक वहां अपने मधुपालन के बॉक्स ले जाकर शहद का उत्पादन करते हैं, लेकिन, सरकार की ओर से स्वरोजगार के लिए अब मधुपालन के बॉक्स दिए जा रहे हैं। जिसमें उनका पहले ही बड़ा सरसों का सीजन निकल चुका है। अब जनपद हरिद्वार में भी सीजन कुछ दिनों बाद सरसों और यूके लिपटिस समाप्त हो जाएगा। जिससे मधुपालन के लिए सरकार की योजना का लाभ लेने वाले युवाओं को उतना फायदा नहीं होगा, जितना होना चाहिए था।
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अब तक भी मात्र 60 लाभार्थियों को मिले बॉक्स…ऑफ सीजन समाप्ति की ओर से शुरू होने पर भी चयनित 60 लाभार्थियों को मधुबॉक्स दिए गए हैं। जिससे आधे से अधिक 65 लाभार्थियों को अब तक भी मधुबॉक्स नहीं मिले हैं। इन्हें कब मधु बॉक्स मिलेंगे, ये अधिकारियों को भी नहीं पता है, क्योंकि, उनके पास भी मधुबॉक्स टेंडरधारकों ने नहीं दिए हैं। जिससे जिन्हें मधु बॉक्स मिल गए हैं, उन्हें तो कुछ दिन शहद उत्पादन के मिल भी जाएंगे, जिन्हें देरी से मिलेंगे, वे तो ऑफ सीजन में मधु बॉक्स लेकर खाली हाथी ही रह जाएंगे।
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अक्तूबर-नवंबर में मिले मधुबॉक्स तो हाे लाभ….अगर सरकारी योजना का लाभ युवाओं को अक्तूबर-नंवबर में देकर मधुबॉक्स दिए जाएं तो उन्हें पूरा सीजन मिल जाएगा। योजना का लाभ लेने वाले युवा सरसों का मुख्य सीजन भी कर लेंगे, इससे वो, मधुमक्खियों के बॉक्सों काे भी बढ़ा सकते हैं, लेकिन, इससे योजना के नाम पर नोट कमाने वाले लोगों को फायदा नहीं होगा, इसलिए, वो ऑफसीजन में ही मधुबॉक्स देते हैं, क्योंकि, इस समय मधुबॉक्सों के रेट बाजार में बेहद कम हो जाते हैं।
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तेजपाल सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी ने बताया सरकार की ओर से योजना के तहत मधुपालन के लिए मधु बॉक्स देने के अनुबंध किए जाते हैं। जिसके अनुसार भी लाभाार्थियों को मधुबॉक्स दिए जा रहे हैं। इसमें अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आएगी तो मामले में देखा जाएगा।

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