अपराधहरिद्वार

मंत्री पद दिलाने के नाम पर विधायकों से ठगी का प्रयास करने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार..

अमित शाह के बेटे बनकर करते थे कॉल, 3 करोड़ की डिमांड से हुआ खुलासा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
रुद्रपुर: उत्तराखंड पुलिस ने करोड़ों की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाने के नाम पर करोड़ों रुपये की मांग कर रहा था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इस संगठित ठगी रैकेट को बेनकाब किया।
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कैसे हुआ खुलासा….?बीती 16 फरवरी को रुद्रपुर के विधायक अभिषेक मिश्रा और उनके सहयोगी शिव अरोड़ा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें 13 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह के रूप में पेश किया और कहा कि उनकी नियुक्ति उत्तराखंड सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री पद के लिए तय हो गई है। कॉलर ने आगे दावा किया कि इस विषय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से भी बातचीत हो चुकी है और पार्टी फंड के लिए तीन करोड़ रुपये की व्यवस्था करने को कहा। विधायक को शक हुआ और उन्होंने अमित शाह व जे.पी. नड्डा से पुष्टि करनी चाही। लेकिन कॉल करने वाला बहाने बनाने लगा। इसके बाद जब अन्य माध्यमों से जांच की गई, तो यह कॉल पूरी तरह से फर्जी निकली। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।
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पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरोह का पर्दाफाश…..विधायक की शिकायत के आधार पर कोतवाली रुद्रपुर में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसओजी और कोतवाली पुलिस को तत्काल जांच के निर्देश दिए।जांच के दौरान पुलिस ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर आरोपी की लोकेशन ट्रेस की और आखिरकार 19 वर्षीय गौरव नाथ पुत्र बहादुर, निवासी घरोली, गाजीपुर, पूर्वी दिल्ली को दिल्ली के करकर डूमा कोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
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गिरोह की साजिश का खुलासा….पूछताछ में गौरव नाथ ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह अपने दोस्तों उवैश और प्रियांशु पंत के साथ मिलकर इस ठगी की योजना बना रहा था। तीनों दोस्तों को ऐशो-आराम की जिंदगी पसंद थी, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। इस वजह से उन्होंने बड़े नेताओं और विधायकों को ठगने की साजिश रची। उन्होंने 26 जनवरी को योजना बनाई और ECI AFFIDAVIT वेबसाइट से विभिन्न राज्यों – मणिपुर, उड़ीसा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर जुटाए। विकिपीडिया से उन नेताओं की पूरी जानकारी एकत्र की और खुद को गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह के रूप में प्रस्तुत कर विधायकों से करोड़ों रुपये की मांग करने लगे। अगर कोई विधायक पैसे देने से इनकार करता, तो वे उसे बदनाम करने और फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देते।
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देशभर में फैली थी ठगी की जड़ें….इस गिरोह ने 13 और 14 फरवरी को उत्तराखंड में रुद्रपुर विधायक, हरिद्वार के रानीपुर विधायक और नैनीताल विधायक को ठगने का प्रयास किया। गिरोह के सदस्य अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर रहे थे – एक नंबर को ‘जय शाह’ और दूसरे को ‘जय शाह के पीआरओ’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। गौरव नाथ पहले भी दिल्ली में एक ठगी के मामले में जेल जा चुका था, जहां उसने यह ठगी करने की तरकीब सीखी थी। बाद में उसने अपने पुराने साथियों से अलग होकर नए साथियों उवैश और प्रियांशु पंत के साथ इस योजना को अंजाम देने का प्रयास किया।
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पुलिस टीम को ईनाम की घोषणा…..एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम को 5000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी, प्रभारी एसओजी निरीक्षक संजय पाठक, वरिष्ठ उपनिरीक्षक नवीन बुधानी, उपनिरीक्षक गणेश दत्त भट्ट, जितेंद्र खत्री, कांस्टेबल महेश राम, राजेंद्र कश्यप और महेंद्र कुमार शामिल थे।
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गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी….
फिलहाल गौरव नाथ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है, जबकि उसके साथी उवैश और प्रियांशु पंत की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस पूरे गिरोह का सफाया कर दिया जाएगा।

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