पंच 👊 नामा
सुल्तान: हरिद्वार:- कांग्रेस में पैराशूट दावेदारों के “उछल कूद ने जनता के बीच पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने शुरू कर दी हैं। खास बात यह है कि इन बाहरी दावेदारों का ना तो आम जनता के बीच कोई जनाधार है और ना ही कार्यकर्ताओं से कोई खास पहचान। इस पर कमाल ये है कि सबसे ज्यादा टिकट को लेकर आश्वस्त “बाहरी और हवाई दावेदार ही नजर आ रहे हैं। हरिद्वार सीट पर एक बैनर पोस्टर वाले नेता के अलावा ज्वालापुर सीट से हारने का रिकॉर्ड बना चुके नेता जी भी इस लिस्ट में सबसे ऊपर है।
चुनावी सरगर्मी शुरू होने से ऐन पहले एक बड़े संत नेता की छतरी के नीचे एक बाहरी नेता की एंट्री ने हरिद्वार में सबको चौंका दिया। होर्डिंग और बैनर पोस्टरों के साथ एंट्री इतनी धूम-धड़ाके के साथ हुई एक बार लगा कि मानो टिकट लेकर ही नेताजी पैराशूट से नीचे उतरे हों। लेकिन स्थिति यह है कि हरिद्वार में कांग्रेस नेताओं के एक गुट के अलावा नेताजी को दूसरे गुट का कोई कार्यकर्ता भी नहीं पहचानता। केवल होर्डिंग और बैनर पोस्टरों में खुद को विधायक समझ बैठे नेता जी इन दिनों घूम घूम कर चाय पर चर्चा करने में मशगूल हैं। मजेदार बात यह है कि हर चुनाव में पाला बदलने के लिए मशहूर कुछ नेताओं ने इन बाहरी दावेदार को “घर का भेदी लंका ढाए वाली कहावत के लपेटे में ले लिया है। खैर यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि पैराशूट दावेदार टिकट लाने में कामयाब होते हैं या बैनर पोस्टर में ही सिमट कर रह जाते हैं। अब चलते हैं ज्वालापुर सुरक्षित सीट की तरफ। यहां दावेदारों में जमकर घमासान मचा हुआ है। लेकिन इस सीट से हारने का रिकॉर्ड बना चुके एक पैराशूट प्रत्याशी इस बार भी टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं। नेताजी यूं तो ज्वालापुर विधानसभा से विधायक बनने का सपना कई वर्षों से पहले हुए हैं, लेकिन 5 साल में सिर्फ चुनाव के मौके पर ही हरिद्वार में नजर आते हैं। नए और पुराने दावेदारों को मिलाकर इस बार टिकट में उनको कड़ी चुनौती मिलती नजर आ रही है।
जिससे नेताजी गुप्त मीटिंग उसे अपनी नैया पार लगाने में जुटे हुए हैं। नेताजी की यह गुप्त मीटिंगे चर्चाओं का विषय बनी हुई हैं। कुल मिलाकर इन बाहरी दावेदारों से पार्टी की जहां आम मतदाता के बीच किरकिरी हो रही है, वहीं कई सारे नए नए चेहरे देखकर जनता भी भ्रम की स्थिति में है कि आखिर कांग्रेस को अपना वोट किस बूते पर दें।
वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत यह साफ कर चुके हैं कि टिकट सिर्फ जिताऊ प्रत्याशियों को ही मिलेगा।