कुंभ 2027 की तैयारियों में जुटा अखाड़ा परिषद, हरिद्वार में होगा भव्य आयोजन..
13 अखाड़ों ने दिए सुझाव, प्रयागराज महाकुंभ की तर्ज पर होगा आयोजन..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार एक बार फिर आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजनों के केंद्र में आने जा रही है। वर्ष 2027 में प्रस्तावित कुंभ मेले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। परिषद से जुड़े सभी 13 अखाड़ों ने उत्तराखंड सरकार को अपने सुझाव सौंप दिए हैं, ताकि इस महापर्व का आयोजन और भी भव्य एवं दिव्य रूप में किया जा सके।
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सरकार और संत समाज में संवाद की पहल…..उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए संत समाज से संवाद की पहल की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर संतों और अखाड़ों से कुंभ मेले को लेकर राय मांगी गई थी।
अखाड़ा परिषद के सभी 13 प्रमुख अखाड़ों—जैसे जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अटल, दिगंबर, अग्नि आदि—ने अपने-अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं।अब जल्द ही मुख्यमंत्री संतों के साथ एक बैठक कर इन सुझावों पर विचार करेंगे और कुंभ आयोजन की दिशा तय की जाएगी। बैठक की तिथि जल्द घोषित की जा सकती है।
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प्रयागराज की तर्ज पर होगा हरिद्वार कुंभ…..अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद परिषद ने यह निर्णय लिया था कि हरिद्वार में 2027 का अर्द्धकुंभ भी पूर्ण कुंभ की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय धार्मिक दृष्टिकोण के साथ-साथ व्यवस्थाओं के लिहाज से भी बड़ा कदम माना जा रहा है।
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संतों की मांगें और सुझाव…..प्राप्त जानकारी के अनुसार, संत समाज ने कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर निम्नलिखित सुझाव दिए हैं। अखाड़ों के लिए स्थायी आश्रम निर्माण, पारंपरिक शाही स्नानों की व्यवस्था में पारदर्शिता, सड़क, विद्युत और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक का उपयोग, धार्मिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष मंच और कार्यक्रम।।
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पर्यटन और आस्था दोनों को बढ़ावा…कुंभ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह पर्यटन, स्थानीय व्यवसाय और सांस्कृतिक समृद्धि को भी प्रोत्साहित करता है। सरकार का लक्ष्य है कि हरिद्वार कुंभ 2027 को प्रयागराज की तर्ज पर वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जाए।