दलित युवती को मिला न्याय, कोर्ट ने हत्यारे को सुनाई फांसी की सजा, इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह की धारदार विवेचना पर फिर लगी मुहर..
ऋषिकुल हरिद्वार के चर्चित दुष्कर्म व हत्याकांड में भी इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह की विवेचना पर दोषी को हो चुकी है फांसी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रुड़की में दलित युवती की नृशंस हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इस सनसनीखेज हत्याकांड की गहराई से विवेचना इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह (वर्तमान में ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी) ने की थी। उन्होंने ऐसे तकनीकी साक्ष्य, चश्मदीद गवाह और फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की, जिनके आधार पर अदालत ने मुख्य अभियुक्त को फांसी और उसके एक साथी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
इससे पहले हरिद्वार की ऋषिकुल कॉलोनी में नौ वर्षीय मासूम इशिता के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के चर्चित मामले में भी इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह की जांच पर दोषी रामतीरथ को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
दोनों ही मामलों में की गई निष्पक्ष और धारदार जांच ने कानून को मजबूती दी और पीड़ितों को इंसाफ दिलाया। दोषियों को फांसी की सजा मिलने पर परिजनों ने इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह का हृदय से आभार जताया।
जबकि आमजन के साथ ही पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल समेत महकमे के आला अधिकारियों ने भी उनकी कार्यशैली की खुले दिल से सराहना की है।
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शादी का दबाव बना रहे युवक ने गला रेतकर की थी हत्या…..रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र की कृष्णानगर कॉलोनी में रहने वाले दिनेश ने 24 अप्रैल 2021 को पुलिस को तहरीर दी थी कि उसकी बहन निधि को हैदर अली नामक युवक काफी समय से परेशान कर रहा था और शादी के लिए दबाव बना रहा था।
इंकार करने पर हैदर अली अपने साथी रिहान उर्फ आरिश के साथ घर में घुसा और चाकू से गला रेतकर निधि की हत्या कर दी। एक तीसरा आरोपी भी था, जिसे किशोर मानकर उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच करते हुए तत्कालीन गंगनहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने तकनीकी साक्ष्यों, गवाहों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ठोस चार्जशीट कोर्ट में पेश की।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की अदालत ने मुख्य आरोपी हैदर अली को फांसी और रिहान उर्फ आरिश को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।
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इशिता से दरिंदगी करने वाले रामतीरथ को भी मिल चुकी है फांसी…..हरिद्वार की ऋषिकुल कॉलोनी में 20 दिसंबर 2020 को नौ वर्षीय इशिता पतंग उड़ा रही थी, जब पड़ोसी रामतीरथ उसे पतंग दिलाने के बहाने अपने घर ले गया और वहां दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी। बच्ची के लापता होने के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए रामतीरथ को उठाया और पूछताछ में उसने जुर्म कबूल किया।
बच्ची का शव उसके घर से बरामद हुआ। मामले की जांच उस समय शहर कोतवाल रहे अमरजीत सिंह ने की और बेहद सटीक व मजबूत विवेचना के बाद केस को कोर्ट तक पहुंचाया। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अंजली नौडियाल की अदालत ने
इस मामले में तेजी से सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी रामतीरथ को फांसी और उसके मामा को पांच साल की सजा सुनाई। दोनों पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
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दोनों मामलों में फांसी की सजाएं बनी मिसाल…..इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह की पुलिसिंग पूरे उत्तराखंड में अलग पहचान रखती है। उनकी हर विवेचना में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी मजबूती बराबर रहती है।
रुड़की और हरिद्वार के दोनों चर्चित मामलों में दोषियों को मृत्युदंड दिलवाना उनकी प्रोफेशनल दक्षता और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास का प्रतीक बन गया। जिसे राज्य की न्याय व्यवस्था में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।