पंच👊नामा
फारुख अंसारी:- हरिद्वार: भाजपा और कांग्रेस में एक तरफ टिकट को लेकर अंदरूनी घमासान मचा हुआ है। लेकिन दूसरी तरफ दोनों दलों की निगाहें एक दूसरे की तरफ लगी हुई हैं। पहले आप-पहले आप के चक्कर में भाजपा-कांग्रेस की टिकट सूची ठिठक रही है। यही वजह है कि दोनों दल ऐसी सीटों की घोषणा भी अभी तक नहीं कर पाए हैं, जिन पर कोई उलटफेर की संभावना नहीं है।
भाजपा दोबारा सरकार बनाने के लिए एक-एक सीट पर गंभीरता से मंथन कर रही है। हाइकमान का प्रयास है कि केवल जिताऊ प्रत्याशी ही मैदान में उतारे जाएं। इसके लिए चाहे तो सीटिंग विधायकों के टिकट ही क्यों न काटने पड़े। इसी मानक के चलते हरिद्वार जिले के दो से तीन विधायकों के टिकट पर कैंची चलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी सत्ता में वापसी के लिए पूरी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। हरीश रावत और प्रीतम गुट में टिकटों को लेकर जबरदस्त खींचातानी मची हुई है। पार्टी के तीनों सीटिंग विधायकों के अलावा हरिद्वार सीट से सतपाल ब्रह्मचारी, रानीपुर से संजय पालीवाल, रुड़की से यशपाल राणा के टिकट को छोड़कर अभी तक कई सीटों पर चकल्लस जारी है। बावजूद इसके दोनों दल एक दूसरी की सूची पर टकटकी लगाए हुए हैं। जाहिर है कि कुछ सीटों पर बगावत करने वाले दावेदारों का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस और भाजपा की पहली सूची किसी भी सूरत में गुरुवार को जारी होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राव आफाक अली का कहना है कि पार्टी में खींचतान जैसी कोई बात नहीं है। संभवत: गुरुवार को प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी। पार्टी जिसे भी टिकट देगी, पूरी कांग्रेस एकजुट होकर उसे जिताने का काम करेगी। पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी।