
पंच👊नामा-ब्यूरो
लक्सर: मानसून सीजन में बाढ़ और तबाही के बावजूद हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में खनन माफिया के कदम नहीं रुक रहे हैं। रणसुरा गांव के पास रतमऊ नदी खनन माफियाओं के लिए लूट का अड्डा बन चुकी है। गुरुवार को भी कई ट्रैक्टर-ट्रॉलियां नदी से मिट्टी और रेत निकालते हुए खुलेआम देखी गईं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन की नाक के नीचे यह खेल हर दिन कैसे चल रहा है और आखिर जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदकर क्यों बैठे हैं?स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है। यहां रोजाना अवैध खनन होता है। कई बार शिकायत करने के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने तल्ख अंदाज़ में कहा कि जिला प्रशासन खनन पर रोक लगाने के बड़े-बड़े दावे करता है, मगर जमीनी हकीकत यह है कि खनन माफिया बेखौफ होकर नदी का सीना छलनी कर रहे हैं।
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नदी का अस्तित्व खतरे में…..अवैध खनन सिर्फ कानून की धज्जियां नहीं उड़ा रहा, बल्कि रतमऊ नदी के अस्तित्व पर भी भारी खतरा मंडरा रहा है। मिट्टी और रेत की निरंतर चोरी से नदी का तल असामान्य रूप से गहरा हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि यही स्थिति रही तो आने वाले समय में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
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आखिर प्रशासन चुप क्यों…?सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब लोगों ने बार-बार शिकायत की है, तो आखिर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या प्रशासन की चुप्पी से खनन माफिया को संरक्षण मिल रहा है? या फिर जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजों पर कार्रवाई दिखाकर खानापूर्ति कर रहे हैं? ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो लोग आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।