अपराधदेहरादून

UKSSSC पेपर लीक प्रकरण: SIT जांच में बड़ा खुलासा, टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुंचे प्रश्न पत्र के फोटो..

देहरादून में मुकदमा, हरिद्वार के खालिद मलिक और बॉबी पंवार की भूमिका संदिग्ध, कई संदिग्ध हिरासत में..

खबर को सुनें

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में देहरादून पुलिस कप्तान अजय सिंह के निर्देश पर गठित एसआईटी की जांच में अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस ने टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, हरिद्वार निवासी खालिद मलिक और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार की भूमिका को संदिग्ध माना है। फिलहाल देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और हरिद्वार से भी कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। एसआईटी की शुरुआती जांच में सामने आया कि परीक्षा शुरू होने से पहले राज्य के किसी भी जिले से पेपर लीक की सूचना नहीं थी। लेकिन परीक्षा समाप्त होने के बाद करीब डेढ़ बजे सोशल मीडिया पर पेपर के कुछ प्रश्नों के फोटो प्रसारित होने की बात सामने आई।
————————————-
कैसे हुआ खुलासा….?पुलिस जांच में पाया गया कि प्रश्न पत्र की तस्वीरें सबसे पहले टिहरी जनपद के प्रतापनगर स्थित अमरोड़ा डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंचीं। पूछताछ में सुमन ने बताया कि उन्हें यह फोटो हरिद्वार निवासी खालिद मलिक ने भेजे थे। खालिद पहले सीपीडब्ल्यूडी में संविदा पर जूनियर इंजीनियर रह चुका है और वर्तमान में प्राइवेट काम करता है। सुमन ने स्वीकार किया कि खालिद के नंबर से एक युवती ने खुद को उसकी बहन बताते हुए कॉल किया और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का हवाला देकर प्रश्नों के उत्तर मांगे। सुमन ने उत्तर फोटो के जरिए भेज दिए और स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल पर सेव कर लिए।बॉबी पंवार की भूमिका…..
सुमन ने पुलिस को बताया कि उसने इस पूरे प्रकरण की जानकारी बॉबी पंवार को दी थी। आरोप है कि बॉबी पंवार ने उन्हें पुलिस तक जाने से रोका और पेपर के स्क्रीनशॉट अपने पास मंगवा लिए। बाद में उन्होंने इन्हें बिना किसी आधिकारिक पुष्टि या जांच के सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद कई अन्य लोगों ने भी स्क्रीनशॉट शेयर कर सरकार और सिस्टम पर सवाल उठाए।
————————————-
पुलिस की कार्रवाई….पुलिस ने इस मामले में बॉबी पंवार समेत सभी आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। SIT अब उन छात्रों और अन्य लोगों की भी पहचान कर रही है जिनसे आरोपियों का संपर्क रहा है। जांच में अब तक किसी संगठित गिरोह या पेपर लीक माफिया की भूमिका सामने नहीं आई है। प्रारंभिक जांच से यह तथ्य सामने आया कि एक परीक्षा केंद्र से किसी व्यक्ति ने पेपर के कुछ प्रश्नों की फोटो लेकर भेजे थे। पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं।
————————————-SIT यह भी जांच कर रही है कि कहीं परीक्षा प्रक्रिया को जानबूझकर सनसनीखेज बनाने या आयोग की साख को धूमिल करने के उद्देश्य से तो यह स्क्रीनशॉट वायरल नहीं किए गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी बिंदुओं पर गहन जांच चल रही है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!