पंच👊🏻नामा
निखिल, हरिद्वार: चुनाव के समय हिंदुओं को मुद्दा बनाने पर हरिद्वार के प्रमुख हिंदूवादी नेता और भैरव सेना के जिला प्रमुख चरणजीत पाहवा ने सवाल उठाए हैं। पाहवा ने मीडिया के माध्यम से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कई सवाल ही नहीं पूछे, बल्कि अपनी पीड़ा भी बयान की है।
चरणजीत पाहवा ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर पढ़ा है, कई व्यक्ति लिखते हैं कि जो भाजपा से जुड़ा हुआ व्यक्ति है, वह असली हिंदू है। आरएसएस लिखता है जो संघ से जुड़े हुए हैं वह राष्ट्र भक्त हैं ऐसा कैसे मतलब कि जो संघ से जुड़ा हुआ नहीं है, वह राष्ट्रभक्त नहीं है, जो भाजपा से जुड़ा हुआ नहीं है वह हिंदू नहीं है। ऐसा क्यों…।
हिंदू समाज को क्यों इस्तेमाल किया जाता है जबकि पिछले 22 वर्षों से मैं भी हिंदू संगठनों में रहकर हिंदू समाज का ही कार्यकर्ता चला रहा हूं। संघ की बैठक में यह कहा जाता था हमें किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं फिर चुनाव आते ही वह हमें क्यों कहते हैं कि भाजपा का प्रचार करो। यह बात मेरी समझ में नहीं आई। फिर लोगों को भ्रमित करते हैं कि हिंदू खतरे में है। अंग्रेजों के शासन में भी हिंदू खतरे में नहीं था, मुगलों के शासन में भी हिंदू खतरे में नहीं था, 70 साल कांग्रेस ने राज किया तब भी हिंदू खतरे में नहीं हुआ, पिछले 8-10 साल से हर व्यक्ति यही कह रहा है कि हिंदू खतरे में है।
मैं नहीं मानता आरएसएस हिंदुओं की ठेकेदार बनती है। मैं इस संगठन से पूछना चाहता हूं कि हिंदू समाज के लिए आपने 100 साल होने को आ गए आपने क्या किया। सिवाय हिंदुओं को भ्रमित करने के। आप सिर्फ हिंदू समाज को धन एकत्रित करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। मैं किसी और राज्य की बात तो नहीं करता। मैं सिर्फ हरिद्वार जो विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। आरएसएस की सरकार में धर्मनगरी के साथ सौतेला व्यवहार हुआ। धर्मनगरी को अधर्म नगरी बना दिया। बाइलॉज का पालन तक नहीं हो रहा है।
हरिद्वार धर्मनगरी में नशे का कारोबार हर गली मोहल्ले में खुलेआम जानवर काटे जा रहे हैं। मां गंगा का अपमान हो रहा है, कोई संगठन आरएसएस इस विषय में अपने पार्टी के नेताओं को क्यों नहीं कहते। किस बात की धर्म की ठेकेदारी करती है। मैं अपने विषय में बताऊंगा पिछले 22 वर्षों से हिंदू धर्म के कार्य करते हुए मेरे पर दर्जनों मुकदमे लगे। 4 बार जेल गया। सन 2010 में बहादराबाद में मेरे ऊपर हमला हुआ। सन 2013 में थाना कनखल क्षेत्र में भी मेरे पर हमला हुआ।
सन 2018 में मैंने धर्मनगरी की मर्यादा बनाए रखने के लिए आत्मदाह की कोशिश की। कौन से मेरी परिवार की, मेरी सहायता करी। ऊपर से मुझे यह कहा गया कि कि मैंने भाजपा की सरकार में ऐसा क्यों किया। इसका मतलब तो यह है भाजपा की सरकार में अगर गाय कट जाए तो चुप रहो। विपक्ष में रहते हुए कुत्ता भी मर जाए तो सड़क पर आंदोलन करो। यह दोहरी नीति हमें सही नहीं लगती।
मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं। हम हिंदू धर्म में हिंदू संगठनों में रहकर हिंदू समाज की बात करें ना कि एक पार्टी के पक्ष में रहे फिर यह संगठन संगठन खेलना बंद करो सीधा पार्टी ज्वाइन करो। भगवान श्री राम मंदिर का रास्ता सुप्रीम कोर्ट द्वारा हल हुआ। आरएसएस इसे अपना ना बताए। जब ढांचा तोड़ा गया था, तब संगठन आरएसएस ने कहा था कि इसमें हमारा कोई लेना-देना नहीं।
अब श्रेय लेने के लिए आप आगे क्यों आए। दूसरी बात यह है कि मैं किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। जो भी विधायक जो भी सरकार हिंदू धर्म के खिलाफ धर्म नगरी के खिलाफ कुछ भी कार्य करेगा, मैं उसका विरोध करूंगा। क्योंकि हम चापलूसी चाटूगिरी नहीं कर सकते। इसीलिए आज हम किराए के मकान पर धक्के खा रहे हैं। पिछले 22 वर्षों में संगठन का कार्य करते हुए मेरे पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, कोई बैंक बैलेंस नहीं है मात्र 3 हजार रुपये मेरे पास हैं और 70 हजार रुपये कर्जा है। संगठन सरकार जांच करा ले और हमारे प्रचारकों के पास एप्पल के फोन कोठियां सब कुछ हैं। बिना कुछ किए हिंदू समाज को जागना होगा। हर व्यक्ति का अपना एक मत है वह जिसको दे हम किसी को नहीं कहते कि उसको वोट दे इसको वोट दें। फिर मैं एक बात और कहना चाह रहा था कि हिंदू ना खतरे में था ना कभी रहेगा।
हिंदू एक शेर है और शेर की तरह रहेगा। आपकी भगवा सरकार में ही भगवान श्री राम चौक जो रेल चौकी के सामने है उसका अपमान खुलेआम किया जा रहा है। भगवान राम जी की मूर्ति के आसपास दर्जनों मांस की दुकानें और खुलेआम बार चल रहे हैं। कोई संगठन इस विषय में आवाज नहीं उठाता। क्योंकि विधायकों की चाटूकारिता करते हैं। अखिल राम भक्त बनते हैं। वोटों के लिए भगवान राम जी को सिर्फ इस्तेमाल करते हैं और कुछ नहीं। जय श्री राम हर हर महादेव…………और कोई मुझे ज्ञान बांटने की कोशिश ना करें