“धर्मनगरी में धूमधाम से मना दशहरा का पर्व धूमधाम से, पुलिस के होमवर्क और सक्रियता से जाम से मिली निजात..
ज्वालापुर में पहली बार निर्बाध यातायात व्यवस्था, जेल में कड़ी सुरक्षा में हुई रामलीला और रावण दहन..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी में बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रामलीला मैदानों और खुले स्थानों पर हजारों की भीड़ उमड़ी। भीड़भाड़ के बावजूद कहीं भी जाम जैसी स्थिति सामने नहीं आई। इसका श्रेय पुलिस की चुस्त व्यवस्था और पूर्व तैयारियों को जाता है।
इस बार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने दशहरा पर्व को देखते हुए यातायात और पार्किंग का विशेष प्लान तैयार कराया था। उनके निर्देशों पर एसपी सिटी पंकज गैरोला ने शहरी क्षेत्र में सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की कमान खुद संभाली।
खास तौर पर ज्वालापुर क्षेत्र, जहां हर साल भारी भीड़ और जाम की स्थिति बन जाती थी, वहां इस बार पूरी तरह सुगमता रही। रावण दहन से करीब तीन घंटे पहले ही पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था।
कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा के नेतृत्व में एसएसआई खेमेन्द्र गंगवार, बाजार चौकी प्रभारी देवेंद्र चौहान और रेल चौकी प्रभारी नवीन नेगी की टीम ने घंटों क्षेत्र में घूम-घूम कर व्यवस्था बनाई।
मुख्य मार्गों से सुबह ही अतिक्रमण हटवा दिया गया था। वाहनों को तय पार्किंग स्थलों पर ही खड़ा कराया गया। लोगों का कहना था कि इस बार दशहरा देखने जाना बेहद आसान रहा। ज्वालापुर क्षेत्र में न तो कहीं जाम की परेशानी हुई और न ही बाजारों में अव्यवस्था का सामना करना पड़ा।
भीड़भाड़ के बावजूद यातायात व्यवस्था काबिले-तारीफ रही। पुलिस की सतर्कता और पूर्व तैयारी का ही नतीजा रहा कि लोग न केवल आसानी से दशहरा देखने पहुंचे बल्कि वापसी में भी बिना किसी बाधा के अपने घर लौट गए।
दशहरा पर्व के दौरान जगह-जगह लगाए गए पुलिस पिकेट और लगातार निगरानी से माहौल सुरक्षित और शांतिपूर्ण बना रहा।
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जेल में अतिरिक्त सुरक्षा में संपन्न हुई रामलीला…..
जिला कारागार रोशनाबाद में इस वर्ष रामलीला का मंचन पूरी सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ। पिछले वर्ष रामलीला मंचन के दौरान दो कैदी फरार हो गए थे, इस बार जेल प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरती और रामलीला का मंचन केवल पांच दिनों तक सीमित रखा। गुरुवार को रावण दहन के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।
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कैदियों ने निभाए श्रीराम-सीता-लक्ष्मण के पात्र….रामलीला मंचन में जेल के ही बंदियों ने श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, दशरथ सहित अन्य प्रमुख पात्रों की भूमिका निभाई। मंचन के दौरान बुराई पर अच्छाई की जीत और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया गया। कैदियों को यह आह्वान भी किया गया कि वे अपने जीवन में अच्छाई को अपनाएं और बुराइयों से दूरी बनाए रख