“विधायक के करीबी नेता के ठेंगे पर एचआरडीए, टीम ने रुकवाया अवैध निर्माण, कुछ देर बाद फिर हुआ चालू..
आईएएस अंशुल सिंह के जाने के बाद फिर पुराने ढर्रे पर लौटा प्राधिकरण, आम आदमी के लिए नियम अलग, भाजपाइयों के लिए अलग..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: आइएएस अंशुल सिंह के अल्मोड़ा डीएम बनकर हरिद्वार से जाने के बाद एचआरडीए की कार्यशैली पुराने ढर्रे पर लौट चुकी है। इसकी बानगी शनिवार को हरकी पैड़ी क्षेत्र में सामने आई। जहां दुकानों के ऊपर किए जा रहे अवैध निर्माण को एचआरडीए और पुलिस की एक टीम ने रुकवा दिया।
लेकिन टीम के लौटते ही विधायक के करीबी भाजपा नेता ने फिर से निर्माण चालू करा दिया। इगास और रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर एचआरडीए की आंखों में खुलेआम धूल झोंक दी गई या फिर नियमों को सत्ता की हनक तले रौंद दिया गया। यह पूरा मामला हरिद्वार में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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शनिवार को एचआरडीए अधिकारियों को सूचना मिली कि हरकी पैड़ी क्षेत्र के बाजार में दुकानों के ऊपर अवैध निर्माण किया जा रहा है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष सोनिका सिंह के निर्देश पर एक टीम दोपहर के समय हरकी पैड़ी चौकी से पुलिसकर्मियों को साथ लेकर मौके पर पहुंची।
टीम ने निर्माण से जुड़े दस्तावेज मांगे तो अवैध निर्माण करने वाले बगलें झांकने लगे। मानचित्र से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं होने के चलते टीम ने तत्काल प्रभाव से काम बंद करने को कहा। इसके साथ ही प्राधिकरण दफ्तर आकर दस्तावेज दिखाने के निर्देश दिए।
लेकिन सत्ताधारी नेताओं के लिए सरकारी विभागों के निर्देशों की क्या अहमियत है, निर्माण करने वाले भाजपा नेता ने चंद मिनट में यह बता दिया। टीम जैसे ही वापस मुड़ी, फिर से निर्माण चालू कर दिया गया। बल्कि रातों रात निर्माण और तेज कर दिया गया। ऐसे में सवाल यह है कि यही निर्माण किसी आम व्यक्ति ने किया होता तो क्या प्राधिकरण की टीम मौखिक खानापूर्ति कर लौटती।
इस प्रकरण से यह सवाल भी तैरने लगे हैं कि क्या आईएएस अंशुल सिंह के जाने के बाद प्राधिकरण पुराने ढर्रे पर आ गया है। अंशुल सिंह के उपाध्यक्ष रहते सैकडों अवैध कॉलोनियों में बुल्डोजर चलने के साथ ही नियम तोड़ने वाले रसूखदारों तक पर एफआईआर दर्ज हुई। देखने वाली बात यह है कि इस प्रकरण में प्राधिकरण उपाध्यक्ष सोनिका सिंह क्या एक्शन लेती हैं।



