हरिद्वार

“संविधान दिवस पर जिला कारागार में लगा विधिक जागरूकता शिविर, बंदियों को दिलाई गई संविधान की शपथ..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को जिला कारागार रोशनाबाद में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार और जिला कारागार प्रशासन के संयुक्त सहयोग से हुआ। शिविर की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेन्द्र दत्त ने की।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार मनोज आर्य ने मुख्य अतिथि सहित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संदीप कुमार, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिमरनजीत कौर का स्वागत किया।शिविर के दौरान कारागार में निरुद्ध बंदियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कव्वाली प्रस्तुत की, जिसने उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। अन्य बंदियों ने नशा मुक्ति और संविधान विषयक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सार्थक संदेश दिया। विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने भाषण, नुक्कड़ नाटक और कला प्रतियोगिता के जरिए संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों पर अपनी प्रस्तुति दी।इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश नरेन्द्र दत्त ने सभी को संविधान की शपथ दिलाई। संबोधन में कहा कि आज देश में स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने का अधिकार संविधान की देन है। संविधान में हर व्यक्ति के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं, चाहे वह गरीब हो, निर्बल हो या असहाय। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो कठोर होने के साथ लचीला भी है। यदि संविधान में निहित मूल्यों को आत्मसात किया जाए तो देश शीघ्र ही विकसित राष्ट्र की श्रेणी में पहुंचेगा और सस्ता, सुलभ न्याय सभी के लिए साकार होगा।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का निर्वहन भी उतना ही आवश्यक है। जब तक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा, तब तक वह अपने अधिकारों को भी पूरी तरह प्राप्त नहीं कर सकता। कार्यक्रम में चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल सुधीर कुमार त्यागी ने संविधान की महत्ता बताते हुए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा प्रसंग साझा किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी का अर्थ यह है कि आम नागरिक भी अपने शासक से सवाल पूछने का अधिकार रखता है।कार्यक्रम के अंत में प्रतिभाग करने वाले बंदियों और छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य ने अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि जनपद न्यायाधीश का मार्गदर्शन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को संविधान के संरक्षक बताया। कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अधिवक्ता संगीता भारद्वाज ने किया। शिविर में डॉ. अरविंद कुमार श्रीवास्तव, रमन कुमार सैनी (डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल), रजिया अख्तर, आदिल अली, विधि शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी और लगभग 650 बंदी मौजूद रहे।

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