“पूर्व विधायक ने लिया आईपीएस का ‘रिमांड’- हेलीपैड पर सबके सामने निकाला गुबार..
कुंठा और बदजुबानी के साथ चलता रहा तंज़ का ट्रायल, अफसर पीते रहे अपमान का कड़वा घूंट..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अपनी कुंठा और जुबानदराज़ी के लिए चर्चित सत्ताधारी पार्टी के एक पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री के हरिद्वार आगमन से ठीक पहले ऐसा बखेड़ा किया, जिसने प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम स्थित हेलीपैड पर पूर्व विधायक ने एक आईपीएस अधिकारी को अचानक ही रिमांड पर ले लिया।
फिर तो वकील भी पूर्व विधायक और जज भी पूर्व विधायक। कुल मिलाकर पूर्व विधायक ने इतना गुबार निकाला कि वहां मौजूद अधिकारी ही नहीं बाकी भाजपा नेता भी असहज हो गए। हैरानी की बात यह है कि आईपीएस की जुबान से एक शब्द नहीं निकला। यह तो गनीमत रही कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने किसी तरह स्थिति को संभाला। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हेलीपैड पर पहुंचने से चंद मिनट पहले एक पूर्व विधायक ने बिना किसी प्रस्तावना के आईपीएस अफसर पर शब्दों की बौछार शुरू कर दी। खरी-खोटी, तल्ख टिप्पणियां और सत्ता का खुमार—सब कुछ लगातार चलता रहा।
हैरानी इस बात की रही कि सामान्य दिनों में अधीनस्थों पर रौब झाड़ने वाले आईपीएस अफसर उस वक्त हर वाक्य को चुपचाप सुनते रहे, जैसे वर्दी पर नहीं बल्कि संयम की परीक्षा चल रही हो।
हालात इतने असहज हुए कि मौके पर मौजूद अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आगे आना पड़ा। अगर बीच-बचाव न होता तो मामला और बिगड़ सकता था। अधिकारियों ने किसी तरह पूर्व विधायक को अलग किया, लेकिन तब तक माहौल में तल्खी फैल चुकी थी।
बताया जा रहा है कि हालिया दिनों में एक पुराने विवाद को लेकर पूर्व विधायक पहले से ही नाराज़ थे, जिसका गुबार मुख्यमंत्री के आने से पहले हेलीपैड पर फूट पड़ा। यही वजह है कि यह घटनाक्रम अब केवल एक टकराव नहीं बल्कि चर्चाओं का विषय बन गया है।
फिलहाल पूरा मामला प्रशासन और राजनीति के गलियारों में गर्म है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या सार्वजनिक मंच पर किसी अफसर को इस तरह जुबानी कठघरे में खड़ा करना सत्ता की स्वीकार्य शैली है.?



