यति नरसिंहानंद को भड़काऊ भाषण न देने की शर्त पर मिली जमानत..
हर महीने की 10 तारीख को थाने में होना पड़ेगा हाजिर..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: महिलाओं पर आपत्तिजनक और वर्ग विशेष को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल में बंद यति नसिंहानंद को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भारत भूषण पांडेय की अदालत से सशर्त जमानत मिल गई है। पहली शर्त यह है कि वह समाज में नफरत व सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाला कोई भाषण नहीं देंगे और न ही ऐसे किसी आयोजन या समूह का हिस्सा बनेंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करना हो।
दूसरी शर्त यह है कि विवेचक के बुलाने पर उसके निर्देशानुसार उपस्थित होना होगा, अन्यथा हर महीने की 10 तारीख को संबंधित थाने पहुंचना होगा। तीसरी शर्त ये है कि गवाहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डराने या धमकाएंगे नहीं। चौथी अहम शर्त यह है कि कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश नहीं जाएंगे। यदि पासपोर्ट बना हुआ है तो विवेचनाधिकारी को सात दिन के भीतर अपना पासपोर्ट जमा करना होगा।
दरअसल, जमानत याचिका दायर करने पर यति नरसिंहानंद की ओर से उनके अधिवक्ता नारायण हर गुप्ता ने अपनी दलील पेश करते हुए आरोपों को गलत बताया। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर जिला शासकीय अधिवक्ता इंद्रपाल बेदी ने यह कहकर जमानत का विरोध किया कि इससे सामाजिक वैमनस्य और शत्रुता पैदा होने का खतरा है और त्वरित कार्रवाई कर दंगा होने से बचाया गया है। साथ ही वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जाद अहमद और सलमान अहमद ने अभियोजन पक्ष का समर्थन करते हुए जमानत का विरोध किया और दलील रखी कि आरोपी का आपराधिक इतिहास है, उसके कृत्य से धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सद्भाव को क्षति पहुंचने के साथ ही देश विदेशों में भी छवि खराब हो रही है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सशर्त जमानत स्वीकार कर ली है।