
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: नगर निगम के चोरी के पीछे बड़े खेल की सुगबुगाहट सामने आ रही है। दरअसल एक वीडियो फुटेज में चोरी की घटना को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो से पता चल रहा है कि चोर का मकसद नकदी या सामान चोरी करना नहीं, बल्कि वह फाइलें चोरी करने ही नगर निगम के दफ्तरों में घुसा था। यह फाइल किसी टेंडर, घोटाले या फिर किसी संपत्ति से जुड़ी भी हो सकती हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि चोर को आखिर फाइलों की क्या जरूरत पड़ गई। फिर ऐसा कौन इमानदार चोर है जिसने नगर निगम दफ्तरों में रखे लैपटॉप जैसे महंगा सामान चोरी करना तो दूर उसे हाथ तक लगाना जरूरी नहीं समझा। वीडियो में चोर सिर्फ फाइलें खंगालता हुआ नजर आ रहा है। सवाल यह भी है कि चौकीदार की मौजूदगी में आप सरकार चोरी कैसे हो गई।
नगर निगम हरिद्वार का कार्यालय स्थित है जिस इलाके में यह कार्यालय स्थित है उसमें कई आला अधिकारियों के आवास भी मौजूद हैं। बावजूद इस इलाके की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अज्ञात चोरों ने आज तड़के कई 3:00 बजे नगर निगम में स्थित नगर आयुक्त सहायक नगर आयुक्त सहित कुल 5 दफ्तरों के पहले तो ताले तोड़े। उसके बाद दफ्तरों में घुसकर वहां रखी अलमारियों के ताले तोड़ वहां से फाइलों को खंगाला। प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि चोर कार्यालयों में पैसा चुराने नहीं बल्कि कुछ जरूरी फाइलों पर हाथ साफ करने आए थे। एक सीसीटीवी फुटेज में एक चोर जाते समय हाथ में कुछ फाइलें लेकर जाता नजर आया है। चोरी के पीछे खेल की आशंका से पार्षद भी इंकार नहीं करते हैं। कांग्रेस पार्षद अनुज सिंह का कहना है कि निश्चित तौर पर इसके पीछे कोई बड़ा खेल या साजिश हो सकती है। क्योंकि चोर को फाइलों से क्या मतलब हो सकता है इन फाइलों से जिनका हित जुड़ा है वही चोरी की घटना में शामिल रहे होंगे। कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होनी चाहिए।वहीं, मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि निगम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बाकायदा चौकीदार की तैनाती की गई है उसके रहते हुए कैसे चोरों ने पांच दफ्तरों के ताले तोड़ वहां से जरूरी कागजात चुरा लिए यह जांच का विषय है इसी को देखते हुए अब चौकीदार के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।