पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: आसमान से बरसती आग और तन झुलसा देने वाली गर्मी में जब बड़ों के लिए भी रोजा रखना किसी पहाड़ जैसी चुनौती से कम नहीं है, ऐसे में ज्वालापुर के एक नन्हे रोजेदार फ़ैज़याब ने महज 7 साल की उम्र में रोजा रखकर खुदा की बारगाह में इबादत का आगाज़ किया है।
तपती धूप और गर्म हवाओं के बीच रमजान-उल-मुबारक में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल है। रोजा, नमाज और तरावीह नमाज के साथ कुरआन की तिलावत कर रोजेदार अल्लाह को राजी करने में लगे है। इसी बीच कम उम्र के मासूम बच्चे भी रोजा रख अल्लाह की इबादत में मशगूल है। इसी कड़ी में ज्वालापुर निवासी पत्रकार मेहताब आलम के बेटे फैजयाब उर्फ फ़ैज़ ने फिर 7 साल की उम्र में पहला रोजा रखकर हर किसी को चौंका दिया। फैजयाब ने पूरे परिवार के साथ पहले सहरी खाई, उसके बाद रोजे की नीयत कर रोजा रखा। पूरा दिन भूखा-प्यासा रहकर नमाज़ भी अदा की। शाम के समय पूरे परिवार के साथ रोजा इफ्तार किया। 7 साल की उम्र में पहला रोजा रखकर फ़ैज़याब बेहद खुश है। फ़ैज़याब के परिवार ने बताया कि मासूम कई दिन से रोजा रखने की जिद कर रहा था लेकिन परिवार ने उसे समझाया कि बच्चों के लिए रोजा रखना बहुत मुश्किल है इसके बावजूद जिद करते हुए फ़ैज़ ने सहरी खाकर रोजा रख लिया। शाम के वक्त हल्की प्यास का अहसास हुआ, लेकिन उस वक्त परिवार ने उसका हौसला बढ़ाया और आखिरकार 7 साल के नन्हे फ़ैज़ ने पहला रोजा रख लिया। सभी ने फ़ैज़ को दुआएं देते हुए परिवार को मुबारकबाद पेश की है।