कर्ज के दलदल में फंसे सर्राफा कारोबारी ने पत्नी सहित गंगा में कूदकर जान दी, आखिरी सेल्फी और सुसाइड नोट वायरल..
ब्याज नहीं चुका पा रहा था कारोबारी, झकझोर कर रख देगी सुसाइड नोट की एक-एक लाइन, परिवार में मचा कोहराम..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कर्ज के दलदल में फंसे सहारनपुर के एक कारोबारी ने अपनी पत्नी के साथ गंगा में कूदकर खुदकुशी कर ली। कारोबारी का शव सोमवार को गंगनहर से बरामद हो गया। अभी पत्नी का कुछ पता नहीं चल पाया है। मौत को गले लगाने से पहले कारोबारी ने एक सुसाइड नोट भी लिखा। जिसकी एक-एक लाइन झकझोर देने वाली है।
इस सुसाइड नोट में खुदकुशी के कारण से लेकर दोनों बच्चों का पालन-पोषण कौन करेगा, ये सब लिखा गया है। सुसाइड नोट के अलावा दोनों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पुलिस कारोबारी की पत्नी की तलाश कर रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि सोमवार की सुबह रानीपुर पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम जमालपुर खुर्द के निकट गंगनहर के किनारे दलदल में एक व्यक्ति का शव अटका हुआ है। मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने शव को शौकिया गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला।
मृतक की पेंट की जेब से एक मोबाइल फोन और पर्स बरामद हुआ। पुलिस की पड़ताल में मृतक की पहचान सौरभ बब्बर (35) पुत्र दर्शनलाल बब्बर निवासी किशनपुरा कोतवाली नगर सहारनपुर यूपी के रूप में हुई। रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने कारोबारी के परिजनों से बातचीत की तो पता चला कि सर्राफा कारोबाारी सौरभ अपनी पत्नी मोना बब्बर के साथ शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचा था।
उसने हाथी पुल से गंगा में छलांग लगाने से पहले सेल्फी लेकर परिजनों को भेजी थी। सौरभ बब्बर की सांई ज्वेलर्स के नाम से सहारनपुर में दुकान है और वह किट्टी के कारोबार से भी जुड़ा था। किटटी के कारोबार के चलते उस पर कर्ज हो गया था। 10 अगस्त को वह अपनी पत्नी मोना बब्बर के साथ यहां पहुंचा था। उसके बाद उसने परिजन से भी बातचीत करते हुए व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट और अपनी लोकेशन भेजी थी। बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पत्नी की तलाश की जा रही है।
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सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना बब्बर किन हालात से गुजर रहे होंगे, सुसाइड नोट पढ़कर इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। बच्चों को उनके ननिहाल में छोड़ने और मौत को गले लगाने का फैसला लेने के लिए कितना बड़ा पत्थर दोनों ने अपने दिल पर रखा होगा, ये सोचकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं।
सुसाइड नोट में लिखा है कि… मैं सौरव बब्बर कर्जा के दलदल मे इस कदर फंस गया हूं कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा, अन्त में मैं और मेरी धर्मपत्नी मोना बब्बर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं, हमारी किशनपुरे वाली प्रॉपर्टी, दुकान व मकान हमारे दोनों बच्चो के लिए है, हमारे दोनों बच्चे अपनी नानी के घर रहेगे, इनका जीवन अब हम पति-पत्नी उनके हवाले करके जा रहे है।
बच्चे हमारे वहीं रहेंगे, हमे किसी और पर भरोसा नही है, हमारे लेनदारी को हमने अधाधुंध ब्याजे दी हैं, हम अब और नहीं दे पा रहे, “हम जहां सुसाइड करेगें, उस जगह जाकर हम Watsapp पर फोटो शेयर कर देगे… इस दुनिया को अलविदा