“जगद्गुरु आश्रम में महाकवि कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन..
भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के अग्रदूत रहे कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह — विद्वानों ने दी श्रद्धांजलि..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: सोमवार (शरद पूर्णिमा): कनखल स्थित जगद्गुरु आश्रम में सोमवार को महाकवि कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह की काव्य-साहित्य साधना पर आधारित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, प्राचार्य प्रो. डॉ. सुनील कुमार बत्रा, डॉ. चन्द्र पाल शर्मा, शशि प्रकाश सिंह एवं डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया ने दीप प्रज्वलित कर किया।
शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि महाकवि कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के अग्रदूत थे। उनके काव्य में भारतीय जीवन-दर्शन की झलक मिलती है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि कुँवर जी की कविताएं राष्ट्र को दिशा देने वाले संदेश हैं और साहित्य समाज का सच्चा दर्पण है।
तकनीकी सत्रों में विद्वानों ने कुँवर जी के काव्य, नाट्य-साहित्य और रचना-संसार पर अपने विचार रखे। मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. चन्द्र पाल शर्मा ने उनके रामकाव्य में मौलिकता और संतुलन को अद्भुत बताया। डॉ. मोना शर्मा ने कहा कि कुँवर जी का रचना-सागर अभी भी अन्वेषण के लिए खुला है। डॉ. चन्दना शर्मा, डॉ. लता शर्मा, डॉ. अलका पाण्डेय, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. रेनु सिंह और प्रो. दिनेश चमोला ने उनके काव्य में लोकचेतना, भक्ति, प्रेम और राष्ट्रभाव पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. गजेन्द्र कुमार भदौरिया ने किया। आयोजन में मां सावित्री फाउंडेशन लखनऊ, अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति लखनऊ और एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज हरिद्वार की संयुक्त भागीदारी रही। संगोष्ठी में देशभर से आए साहित्यकारों, शोधार्थियों और कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर कुँवर जी की कविताओं का पाठ हुआ, जिसे उपस्थित जनसमूह ने सराहा।