अपराधदेहरादून

“जल्द अमीर बनने की खौफनाक साजिश: मामा-भांजे ने बुजुर्ग की हत्या कर लूटे लाखों रुपये..

देहरादून और सहारनपुर से मामा-भांजे गिरफ्तार, इलाज के बहाने बुजुर्ग को देवबंद ले जाकर की हत्या, शव नहर में फेंका, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: अमीर बनने की हवस ने एक मामा-भांजे को वहशी हत्यारा बना दिया.! देहरादून में खनन विभाग से रिटायर्ड बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या कर उनके बैंक खाते से लाखों उड़ाने की साजिश रची गई। इलाज का झांसा देकर देवबंद ले गए, गला घोंटकर कत्ल किया और शव नहर में फेंक दिया। फिर बड़ी चालाकी से बुजुर्ग के सिम से UPI ID बनाई और बैंक खाते से 13 लाख रुपये निकाल लिए। लेकिन ज्यादा दिन तक यह खेल नहीं चला—पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर मामा-भांजे को गिरफ्तार कर लिया।दरअसल देहरादून के थाना रायपुर क्षेत्र में एक बुजुर्ग व्यक्ति की गुमशुदगी का मामला पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। 68 वर्षीय जगदीश निवासी नत्थुवावाला, ढांग, देहरादून जो खनन विभाग से सेवानिवृत्त थे, 1 फरवरी 2025 से लापता थे। परिजनों ने 6 मार्च 2025 को थाना रायपुर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जगदीश के बैंक खाते से लाखों रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं। फोन और बैंक डिटेल की छानबीन में पुलिस को मोहित त्यागी नाम के एक संदिग्ध का पता चला, जिसका हाल ही में एक नया बैंक खाता खुला था और उसी खाते में मृतक के खाते से पैसे ट्रांसफर किए जा रहे थे। पुलिस को शक हुआ कि मामला सिर्फ गुमशुदगी का नहीं, बल्कि कोई बड़ा अपराध हुआ है। जब संदिग्ध मोहित त्यागी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने अपने मामा प्रवीण कुमार त्यागी के साथ मिलकर बुजुर्ग जगदीश की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
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ऐसे रची गई हत्या की खौफनाक साजिश…..मोहित त्यागी की मुलाकात करीब 4 साल पहले मृतक जगदीश से हुई थी। मोहित ई-रिक्शा चलाता था और अक्सर जगदीश से मिलने जाता था। धीरे-धीरे दोनों की अच्छी जान-पहचान हो गई। जगदीश अविवाहित थे और उनका अपने रिश्तेदारों से भी ज्यादा संपर्क नहीं था। उन्होंने मोहित को बताया था कि उनके बैंक खाते में 25 लाख रुपये जमा हैं। मोहित ने अपने मामा प्रवीण त्यागी के साथ मिलकर बुजुर्ग की हत्या कर उनके पैसे हड़पने की साजिश रच डाली। योजना के तहत मोहित ने जगदीश को इलाज के बहाने देवबंद (सहारनपुर, यूपी) ले जाने का झांसा दिया और 4 फरवरी को अपनी सैंट्रो कार में बैठाकर देवबंद ले गया। वहां उसके मामा प्रवीण पहले से ही मौजूद थे। 5 फरवरी की रात दोनों ने मिलकर रस्सी से गला घोंटकर जगदीश की हत्या कर दी। फिर शव को कार की डिग्गी में डालकर 7-8 किलोमीटर दूर देवबंद की नहर में फेंक दिया।
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हत्या के बाद शुरू हुआ बैंक अकाउंट से पैसे निकालने का खेल…..हत्या के बाद मोहित ने जगदीश के मोबाइल फोन से सिम निकालकर अपने फोन में डाल लिया। उसने मृतक के आधार कार्ड की फोटो का इस्तेमाल कर UPI आईडी बनाई और “फोनपे” ऐप एक्टिवेट कर लिया। फिर मृतक के बैंक खाते से धीरे-धीरे पैसे निकालने शुरू कर दिए। अब तक वह 13 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर चुका था। कुछ पैसे उसने अपने मामा को दिए और कुछ को फिक्स डिपॉजिट (FD) में बदल दिया।
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पुलिस ने ऐसे किया मामले का खुलासा….पुलिस टीम ने जब बैंक खाते की जांच की तो पाया कि पैसा एक नए खाते में ट्रांसफर हो रहा है। पुलिस ने उस खाते के मालिक मोहित त्यागी को हिरासत में लिया और जब सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सारा राज उगल दिया। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मोहित त्यागी को देहरादून से गिरफ्तार किया उसकी निशानदेही पर मामा प्रवीण त्यागी को देवबंद से पकड़ा, उनके कब्जे से 4.80 लाख रुपये, एक चेक, 5 लाख की FD और घटना में इस्तेमाल सैंट्रो कार बरामद की गई।
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पुलिस टीम में शामिल….
1:- प्रदीप नेगी – थानाध्यक्ष रायपुर
2:- संजय रावत – चौकी प्रभारी बालावाला
3:- उप-निरीक्षक रविन्द्र सिंह नेगी
4:- अपर उप-निरीक्षक सुशील बलूनी
5:- कांस्टेबल किशन पाल
6:- कांस्टेबल प्रेम पंवार
7:- कांस्टेबल मुकेश कंडारी
8:- कांस्टेबल पंकज ढौंडियाल
9:- कांस्टेबल गजेन्द्र सिंह
10:- कांस्टेबल प्रदीप कुमार
11:- कांस्टेबल चालक दिनेश सिंह
12:- हेड कांस्टेबल किरण कुमार (एसओजी नगर)

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