पंच👊नामा
देहरादून: दून पुलिस ने अपने बेहतरीन समन्वय और तत्परता का परिचय देते हुए दो अलग-अलग घटनाओं में प्रभावी कार्रवाई की है। पहले मामले में, पुलिस ने मात्र 24 घंटों के भीतर एक 04 वर्षीय अपहृत बच्ची को सकुशल बरामद कर अपहरणकर्ता को हिरासत में लिया।
वहीं दूसरी घटना में, राज्य स्थापना दिवस पर बिना अनुमति प्रदर्शन कर कानून-व्यवस्था भंग करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले बेरोजगार संगठन के 25 नामजद और 50-60 अज्ञात कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस कप्तान अजय सिंह के निर्देश पर दून पुलिस इन कार्रवाई को अंजाम दिया है।
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केस नम्बर एक:-
बीते दिन थाना डालनवाला पर एक व्यक्ति ने सूचना दी कि उनकी 04 साल की बच्ची घर के पास खेलते हुए अचानक गायब हो गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस कप्तान अजय सिंह ने स्वयं ऑपरेशन की कमान संभाली और तुरंत कार्रवाई करते हुए एसओजी, एएचटीयू, और स्थानीय पुलिस की 07 टीमों का गठन किया।
गठित टीमों ने पूरे देहरादून में सघन तलाशी अभियान चलाया। टीमों ने लगभग 200-300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का अवलोकन किया, जिसमें एक युवक बच्ची को ले जाते हुए दिखाई दिया। युवक की अंतिम लोकेशन दर्शनलाल चौक पर मिली, जिसके आधार पर पुलिस ने कनक चौक के पास सघन चेकिंग अभियान चलाया। पुलिस टीम की त्वरित कार्रवाई के चलते कनक चौक के पास से विधि विवादित किशोर को संरक्षण में लिया गया और बच्ची को उसके कब्जे से सकुशल बरामद कर लिया गया। बच्ची को बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
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केस नम्बर दो:-
देहरादून: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बिना अनुमति लिए मुख्यमंत्री आवास कूच करने का प्रयास करना बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ गया। पुलिस ने जुलूस के दौरान कानून को हाथ में लेकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में कार्यवाही करते हुए 25 नामजद व 50-60 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
दरअसल बीते दिन उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिना अनुमति मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच का कार्यक्रम रखा। शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला बैरियर पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता उग्र हो गए और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँचाने लगे। इस प्रदर्शन के कारण सड़कों पर लंबा जाम लग गया, जिससे बुजुर्गों, स्कूली बच्चों, बीमार लोगों, और एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
बेरोजगार संगठन के नेतृत्वकर्ता और कई प्रमुख प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। नामजद आरोपियों में राम कंडवाल, बॉबी पंवार, अखिल तोमर, पीयूष जोशी, विशाल चौहान, और अन्य शामिल हैं। पुलिस ने आरोप लगाया है कि इन व्यक्तियों ने सामूहिक रूप से उपद्रव कर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की, जिससे आम जनता को परेशानी हुई।
पुलिस ने युवाओं को आगाह करते हुए कहा है कि इस तरह के अवैध प्रदर्शनों में शामिल होने से उनका भविष्य प्रभावित हो सकता है। कुछ पूर्व घटनाओं में देखा गया है कि जिन छात्रों पर इस तरह के मामलों में अभियोग पंजीकृत किए गए हैं, उन्हें सरकारी नौकरियों के लिए पात्रता में कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा है।
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पुलिस की युवाओं से अपील….
पुलिस कप्तान अजय सिंह ने अपील करते हुए कहा कि सभी युवा अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के गैरकानूनी प्रदर्शनों में शामिल न हों। अपनी मांगों को शालीनता और लोकतांत्रिक तरीकों से रखने का अधिकार सभी को है, लेकिन कानून-व्यवस्था भंग करना न केवल उनके भविष्य को खतरे में डाल सकता है, बल्कि आम जनता को भी परेशान करता है।