उत्तराखंडधर्म-कर्महरिद्वार

उत्तराखंड पुलिस का एक “सब इंस्पेक्टर ऐसा भी, जिसने हर तीर्थस्थल पर की सेवा..

गंगोत्री से लेकर हरकी पैड़ी, हेमकुंड से लेकर कलियर तक तैनाती,, पुलिस विभाग में हर किसी को नहीं मिलता धर्म कर्म व तीर्थाटन का अवसर..

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पंच👊नामा
सुल्तान, हरिद्वार: शांति व सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले पुलिसकर्मियों को पीड़ितों की सेवा का मौका तो हर दिन मिलता है, लेकिन तीर्थ दर्शन और धर्म-कर्म के लिए अमूमन समय नहीं मिल पाता। लेकिन उत्तराखंड पुलिस में एक सब इंस्पेक्टर ऐसे हैं, जिनके लिए उनका सेवा काल ही तीर्थाटन और धर्म-कर्म का माध्यम बन रहा है। इसे उनका सौभाग्य कहें या सुखद संयोग, साढ़े तीन दशक के सेवाकाल में उपनिरीक्षक डीएस रावत उत्तराखंड में हर धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर तैनात रहकर सेवा कर चुके हैं। 1987 में गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री में पहली पोस्टिंग से नौकरी की शुरूआत करने वाले डीएस रावत वर्तमान में भगवान भोलेनाथ की ससुराल दक्षनगरी कनखल थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक हैं। इन लगभग 36 सालों में वह उत्तराखंड में हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल चारों धाम (गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ) हरिद्वार हरकी पैड़ी, प्रदेश में मुस्लिमों के सबसे बड़े तीर्थस्थल पिरान कलियर, सिखों के पवित्र स्थान हेमकुंड साहिब में अपनी सेवाएं देकर धर्म और कर्म का दायित्व निभा चुके हैं। सौभाग्य और संयोग की एक और कड़ी के तहत डीएस रावत अब हरिद्वार से एक बार फिर भगवान बद्रीनाथ के क्षेत्र चमोली जिले को प्रस्थान करने जा रहे हैं। नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले डीएस रावत कहते हैं कि यह सब ईश्वर का आशीर्वाद है। किसी व्यक्ति को चाहकर भी इतने तीर्थस्थलों पर सेवा का अवसर शायद ही मिल पाए। वह इतना जरूर कहते हैं कि जनता से जुड़े सरोकार, जन सहयोग से ही पूरे होते हैं।
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गंगोत्री से दक्षनगरी तक यूं चला सफर….
उपनिरीक्षक डीएस रावत साल 1986 में पौड़ी में भर्ती होकर ट्रेनिंग के लिए उत्तरकाशी गए। 1987 में उन्हें पहली पोस्टिंग गंगोत्री में मिली और पहले ही दिन गंगोत्री दर्शन कर उन्होंने अपनी नौकरी की शुरूआत की। वर्ष 1990में यमुनोत्री, 1997 में हेमकुंड साहिब व बद्रीनाथ रहने का मौका मिला। साल 2000 रुद्रप्रयाग गौरीकुंड केदारनाथ में सेवा धर्म निभाया। पहाड़ से नीचे आने पर डीएस रावत साल 2009 में ऋषिकेश त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी रहे। हरिद्वार जिले में आमद के बाद 2011 से 2016 तक लक्सर बाजार पुलिस चौकी प्रभारी रहे, जहां आस पास इसाई समुदाय के कई चर्च हैं। साल 2017 में हरकी पैड़ी चौकी प्रभारी के तौर पर उन्हें मां गंगा की सेवा का अवसर मिला। यहां से 2018 में सीधे साबिर की नगरी पिरान कलियर के एसओ रहे। वर्तमान में कनखल थाने में एसएसआई हैं।
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कोरोना काल में जीता जनता का दिल…..
हरिद्वार: कोरोना काल में मंगलौर कोतवाली में एसएसआई के तौर पर तैनात रहे डीएस रावत ने पीड़ितों की भरपूर मदद की। जरूरतमंदों को राशन से लेकर दवाईयों तक की आपूर्ति करने में वह आगे रहे। सेवा के जज्बे और बेहतरीन कार्य से उन्होंने न सिर्फ मंगलौर की जनता का दिल जीता, बल्कि विभाग में भी सम्मानित हुए।
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