एनएचएआई की लापरवाही से फिर गई तीन यात्रियों की जान, डिवाइडर से टकराकर चकनाचूर हुई कार..
हाइवे पर इसी जगह हो चुके 12 हादसे, ऋषभ पंत के हादसे पर दिल्ली तक मचा था हड़कंप, आम यात्रियों की मौत पर कोई हलचल नहीं..

पंच👊नामा-ब्यूरो
केएस चौहान, हरिद्वार: एक तरफ प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा सकुशल और सुरक्षित संपन्न कराने का दावा कर रही है, दूसरी तरफ हरिद्वार में एनएचएआई की लापरवाही से लगातार यात्री अकाल मौत का निवाला बन रहे हैं। बहादराबाद बाईपास पर “मौत का कुआं” बन चुके ब्लैक स्पॉट पर फिर हादसा हुआ और हरियाणा के एक ही गांव के तीन यात्रियों की मौत हो गई। लापरवाही की हद है कि एक साल के भीतर हाइवे पर इसी जगह 12 सड़क हादसे हुए। जिनमें 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद एनएचएआई से लेकर प्रशासन आंख मूंदे हुए है। पिछले दिनों क्रिकेटर ऋषभ पंत के मंगलौर क्षेत्र में हादसे का शिकार होने के बाद दिल्ली तक हड़कंप मच गया था।
कई मंत्रालयों की टीमें घटनास्थल की जांच के लिए हरिद्वार दौड़ी चली आई। लेकिन यहां आए दिन आम यात्री, श्रद्धालु और स्थानीय लोग मर रहे हैं, मगर कोई हलचल नहीं है। यहां तक कि प्रशासन भी ऐसे मामलों को लेकर गंभीर नहीं है ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर धाम में सरकार के दावों पर भी सवाल उठना लाजमी है।
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तेज घूम पर डिवाइडर से टकराई कार……

बहादराबाद में बाईपास मार्ग पर रघुनाथ मॉल के ठीक पीछे बहुत तेज मोड़ बनाया गया है। हाइवे निर्माण की इस तकनीकी खामी के कारण ड्राइवर थोड़ी भी स्पीड में कंट्रोल नहीं कर पाता और अक्सर यहां गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ जाती है या फिर ब्रेक मारने पर पलट जाती है। पुलिस के मुताबिक रविवार रात रेवाड़ी हरियाणा से चार युवक कार में सवार होकर हरिद्वार की ओर आ रहे थे। इसी ब्लैक स्पॉट पर कार डिवाइडर टकरा गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। राहगीरों से सूचना मिलने पर बहादराबाद थानाध्यक्ष नितेश शर्मा आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और चारों यात्रियों को मशक्कत के बाद कार से बाहर निकाला। हादसे में
हेमंत यादव 23 साल, रोहित कुमार उम्र 29 साल और दीपक कुमार 23 साल निवासीगण गांव कुतुबपुर रेवाड़ी हरियाणा की मौत हो गई। जबकि ड्राइवर ड्राइवर विनय कुमार गंभीर रूप से घायल है। उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है। हादसे की खबर से युवकों के गांव में कोहराम मच गया। हरियाणा से तड़के ही उनके परिजन रोते बिलखते हुए हरिद्वार पहुंच गए।
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“हरिलोक तिराहे पर 30 से ज्यादा मौत…..

ज्वालापुर का हरिलोक तिराहा भी खूनी तिराहे के नाम से कुख्यात हो चुका है। एनएचएआई के लापरवाह और अनुभवहीन अधिकारियों के ज्ञान पर सवाल इसलिए उठता है कि सीतापुर फ्लाईओवर को ठीक तिराहे पर लाकर उतारा गया। इसके बाद 100 मीटर के दायरे में दो कट छोड़ दिए गए। फ्लाई ओवर से तेज रफ्तार उतरते वाहनों की चपेट में आकर एक साल के भीतर 30 से ज्यादा राहगीर अपनी जान गंवा चुके। 1 सप्ताह पहले एनएचएआई अधिकारियों को होश आया तब एक कट बंद कर दिया गया, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान अभी तक नहीं निकल पाया। स्थानीय निवासी जितेंद्र चौहान, सुनील सक्सेना, अनिल, धर्मेंद्र आदि का कहना है कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गबराल को इस समस्या का गंभीरता से संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी होगी।