हरिद्वार

पुलिस प्रशासन को गुमराह कर अखंड पाठ खंडित करने का आरोप, आक्रोश..

श्री पंचायती अखाड़ा निर्मला का मामला, संतों ने बैठक कर लिया निर्णय, जल्द हरिद्वार में जुटेंगे कई राज्यों के संत..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कनखल के पंचायती अखाड़ा श्री निर्मला में गुरुवार को हंगामे के बाद महंत रेशम सिंह पक्ष के संतों ने बैठक की। जिसमें महंत ज्ञानदेव सिंह पक्ष के सन्तों पर अखंड पाठ पूरा न होने देने का आरोप लगाते हुए दुख जताया गया। आरोप लगाया कि अखाड़े में एकाधिकार समझकर कब्जा जमाने वाले संतों ने गलत आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन को गुमराह करते हुए अखंड पाठ को खंडित किया। जिससे संतों में आक्रोश है। इस मुद्दे पर जल्द बड़ी बैठक बुलाई जाएगी।पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव महंत जगतार सिंह ने कहा कि गुरुवार 10 नवंबर को पंजाब के महंत सतनाम सिंह राजे आना की अस्थियां विसर्जित करने के लिए पुरातन परंपरा के अनुसार 25 से 30 संत महंत पंजाब से आए थे। परंपरा अनुसार अस्थियां विसर्जित करने के बाद गुरुद्वारे में अखंड पाठ किया जाता है, जो 48 घंटे तक चलता है। उसके बाद भंडारा होता है। लेकिन निर्मल अखाड़े में एकाधिकार समझकर रह रहे महंत ज्ञानदेव सिंह उनके सहयोगी कुछ संतों ने यह प्रचार किया कि अखाड़े में जबरन कब्जा करने के लिए कुछ लोग घुस आए, ये बिल्कुल झूठा प्रचार कर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया है। जबकि अखंड पाठ कर रहे किसी भी संत के पास कोई हथियार नहीं था। उन्होंने कहा कि अखाड़ा किसी की निजी संपत्ति नहीं है बल्कि, निर्मल भेख की संपत्ति है। जिसमें किसी को भी आने जाने से रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते शांतिपूर्वक तरीके सरकारी में आए संत महंतों को जबरन बाहर निकाला है। जल्द समस्त संतों की बैठक होगी, जिसमें आगे का निर्णय लिया जाएगा। बैठक में महंत प्रेम सिंह, महंत जगरूप सिंह, महंत गुरसेवक सिंह, महंत इंद्रजीत सिंह, महंत मनजीत सिंह आदि मौजूद रहे।

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