भर्ती धांधली के आरोपी ने जमानत में भी कर दिया खेल, एसटीएफ की पैरवी से खारिज हुई जमानत..
कोर्ट में गलत तथ्य पेश करने पर आरोपी के अधिवक्ता पर भी होगी कार्रवाई, एसटीएफ का फिर बजा डंका, हरिद्वार के इस संस्थान का कर्मचारी है आरोपी..
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: यूकेएसएससी वन दरोगा भर्ती परीक्षा की धांधली में जमानत पर रिहा हुए एसडीआईएमटी हरिद्वार के लैब टैक्नीशियन को उत्तराखंड एसटीएफ ने ज्यादा दिन खुली हवा में सांस लेने का मौका नहीं दिया। एसटीएफ की मजबूत पैरवी के चलते लोअर कोर्ट से हुई आरोपी सचिन की जमानत को अपर सत्र न्यायालय देहरादून ने खारिज कर दिया।
एसटीएफ का दावा है कि लोअर कोर्ट में आरोपी और उसके अधिवक्ता ने गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए जमानत हासिल की थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देहरादून ने भी सुनवाई के दौरान ये तथ्य सही पाते हुए आरोपी सचिन के अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी बार काउंसिल देहरादून को दिए हैं। इस प्रकरण से उत्तराखंड एसटीएफ ने कानूनी दांव पेंच में अपना डंका बजवा दिया है।
एसटीएफ के पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल ने बताया कि वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली के संबंध में थाना रायपुर में दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ कर रही है। मामले की विवेचना इंस्पेक्टर चंद्र चंद्राकर नैथानी कर रहे हैं। जिसमें अब तक 05 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
जिनमें से एक सचिन कुमार पुत्र सुरेश निवासी शंकरपुरी ब्रह्मपुरी रुड़की, जिसने 29 सितंबर 2022 को वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल माफियाओं के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को नकल कराई गई थी।
आरोपी एसडीआईएमटी यानि स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट हरिद्वार परीक्षा सेंटर में बतौर लैब टैक्नीशियन के रूप में तैनात था। एसटीएफ ने सचिन कुमार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में अपने बचाव में गलत तथ्य पेश कर 2 दिसंबर 2022 को लोअर कोर्ट से जमानत प्राप्त कर ली।
जिस पर एसटीएफ ने ठोस पैरवी करते हुए जमानत के विरुद्ध माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून में अपील की और मुकदमे के संबंध में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपी के विरुद्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए पाया कि सचिन की जमानत के संबंध में उसके अधिवक्ता ने लोअर कोर्ट में गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है।
जिस कारण से जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा दिनांक 10 अप्रैल 2022 को आरेापी की जमानत खारिज करते हुए बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को सचिन के अधिवक्ता के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
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पूर्व में भी लोहा मनवा चुके हैं नैथानी…..
निरीक्षक चंद्र चंद्राकर नैथानी इससे पहले भी आरोपियों के खिलाफ प्रबल पैरवी करते हुए सजा दिलवाते हुए अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं। खास बात यह है कि जहां अधिकांश निरीक्षक विवेचनाओं से हाथ खींच लेते हैं, वहां इंस्पेक्टर नैथानी को याद किया जाता है। एसएसपी आयुष अग्रवाल ने इंस्पेक्टर नैथानी की पीठ थपथपाई है।