
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भाजपा को प्रचंड बहुमत से सत्ता वापसी के बावजूद हरिद्वार को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका। सत्ता पक्ष की तरह विपक्षी दल कांग्रेस ने भी पद बांटने में हरिद्वार को ठेंगा दिखा दिया। जबकि संकट के दौर में जब सीएम पद का चेहरा हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनाव हार गए, तब हरिद्वार ने 5 सीटें कांग्रेस की झोली में डालने का काम किया। रविवार को कांग्रेस ने यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष, भुवन कापड़ी को उप नेता प्रतिपक्ष और करण महारा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी। मगर हरिद्वार को कुछ नहीं मिला। हरिद्वार को लेकर कांग्रेस में उपेक्षा का यह आलम तब है जब कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी उसे हरिद्वार सीट से ही सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। धामी कैबिनेट में जगह ना मिलने पर हरिद्वार के भाजपाइयों में पहले ही कई तरह की चर्चाएं चल रही थी। अब कांग्रेस में नई बहस शुरू हो गई है कि जब 5 सीट देकर भी हरिद्वार को हाईकमान ने किसी लायक नहीं समझा तो आने वाले दिनों में स्थिति क्या होगी। ऐसा नहीं है कि हरिद्वार से कोई विधायक उप नेता प्रतिपक्ष के भी लायक नहीं था। पिरान कलियर से विधायक फुरकान अहमद ने जीत की हैट्रिक लगाई है तो भगवानपुर विधायक ममता राकेश भी तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। मजेदार बात यह है कि यह मलाल सिर्फ कार्यकर्ताओं के मन में बना हुआ है। हरिद्वार के ज्यादातर नेता तो अभी बधाइयां देने और पुराने फोटो निकालकर फेसबुक पर डालने में ही व्यस्त हैं।