गंगा घाट पर कथा का पुण्य सुनने के बाद श्रद्धालुओं ने गंदगी फैलाकर कमाया पाप..
गोविंद घाट पर झूठे पत्तल और गंदगी से बुरा हाल, आयोजन को लेकर उठ रहे सवाल..
पंच👊नामा-ब्यूरो
डॉ. डीसीपी, हरिद्वार: मध्य हरिद्वार के गोविंद घाट पर शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के अवसर पर कथा का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं को गंगा घाट पर कथा सुनने के लाभ बताए गए। कथा वाचक ने कार्तिक पूर्णिमा और गंगा स्नान के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए पुण्य अर्जित करने की बात कही। कथा के बाद भंडारे का आयोजन हुआ, लेकिन इसके समाप्त होते ही घाट की स्थिति ने आयोजकों और श्रद्धालुओं की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए।भंडारे के बाद गोविंद घाट पर चारों तरफ झूठे पत्तल, दोने और अन्य कचरा बिखरा हुआ मिला। श्रद्धालु, जिन्होंने कथा सुनकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया, गंगा घाट को साफ रखने की बात भूल गए। शाम को दीपदान के लिए पहुंचे अन्य श्रद्धालु इस स्थिति को देखकर हैरान रह गए।
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सवालों के घेरे में आयोजन…..आयोजन के बाद घाट पर सफाई का कोई प्रबंधन नहीं किया गया। इससे न केवल गंगा घाट की पवित्रता प्रभावित हुई बल्कि तीर्थ स्थल पर गंदगी फैलाकर श्रद्धालुओं ने अपने पुण्य को पाप में बदल लिया।
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शास्त्रों की सीख….शास्त्रों में तीर्थ स्थलों पर अनुशासन और स्वच्छता को पुण्य अर्जित करने का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया गया है। तीर्थ पर गंदगी फैलाना केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी गलत है।
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प्रशासन और श्रद्धालुओं पर सवाल…..इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और श्रद्धालुओं की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे धार्मिक आयोजनों में सफाई का उचित प्रबंधन होना आवश्यक है ताकि गंगा घाट की पवित्रता बनी रहे।
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धार्मिक आयोजनों के दौरान शास्त्रों की सीख का पालन करते हुए श्रद्धालुओं और आयोजकों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गंगा घाट की पवित्रता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।