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अखाड़ा परिषद दो फाड़, हरिद्वार से प्रयागराज तक संतों में मची खलबली…..

: नरेंद्र गिरि की मौत कैसे हुई, इससे किसी को मतलब नहीं, कुर्सी को लेकर मारामारी : संतों के एक गुट ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर घोषित किए अध्यक्ष-महामंत्री

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अखाड़ा परिषद दो फाड़, हरिद्वार से प्रयागराज तक संतों में मची खलबली…..

: नरेंद्र गिरि की मौत का सच नहीं आया सामने, कुर्सी को लेकर मारामारी
: संतों के एक गुट ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर घोषित किए अध्यक्ष-महामंत्री
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी हालात में हुई मौत का सच क्या है, यह अभी तक सामने नहीं आया है। फिलहाल अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और महामंत्री की कुर्सी को लेकर मारामारी मची हुई है। हरिद्वार में संतों के एक बड़े गुट ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्र पुरी को अध्यक्ष और निर्मोही अणि बैरागी अखाड़े के श्री महंत राजेंद्र दास को महामंत्री चुन लिया।

महानिर्वाणी में बैठक कर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व महामंत्री चुनते संत

इनको सात अखाड़ों का समर्थन हासिल बताया जा रहा है। अखाड़ा परिषद दो फाड़ होने से अब संतों में एक नई राह शुरू हो गई है। वहीं, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि का कहना है कि अखाड़ा परिषद के चुनाव के लिए 25 अक्टूबर की तिथि तय है। उससे पहले कोई चुनाव नहीं हो सकता है। अध्यक्ष पद पर कोई भी फैसला प्रयागराज में होने वाली बैठक में ही तय होगा।


पिछले दिनों प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी उनका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था। सुसाइड नोट में आनंद गिरि समेत मंदिर के पुजारी और बेटे पर उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस तीनों को गिरफ्तार कर चुकी है और फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर 25 अक्टूबर को प्रयागराज में सभी अखाड़ों की बैठक बुलाई गई है। चूंकि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के श्रीमहंत थे और उनका कार्यकाल अभी बाकी था, इसलिए इस पद पर साफ तौर पर निरंजनी अखाड़ा के सचिव व श्रीमहंत रविंद्र पुरी का दावा बन रहा था।

श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

लेकिन इसके साथ ही संतो के एक गुट में खिचड़ी पक रही थी, जिसका नतीजा गुरुवार की सुबह सामने आ गया। प्रयागराज में प्रस्तावित बैठक से पहले ही कनखल के महानिर्वाणी अखाड़े में बुलाई गई बैठक में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष व निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास को राष्ट्रीय महामंत्री घोषित कर दिया गया। बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्री महंत दामोदर दास को उपाध्यक्ष, श्रीमहंत जसविंदर सिंह शास्त्री, को कोषाध्यक्ष श्रीमहंत राम किशोर दास को मंत्री, श्रीमहंत गौरी शंकर दास को प्रवक्ता, श्री महंत धर्मदास को और श्रीमहंत महेश्वर दास को संरक्षक घोषित किया गया है।

तीन बैरागी ऑणियो के साथ महानिर्वाणी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा और बड़ा अखाड़ा उदासीन ने इन अध्यक्ष और महामंत्री को अपना समर्थन दिया है। 13 सदस्यीय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के 7 अखाड़ों का बहुमत मिलने से अब 25 अक्टूबर को प्रयागराज में होने वाली बैठक को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं इस निर्णय से हरिद्वार से प्रयागराज, अयोध्या और नासिक तक संतों में खलबली मच गई है। दूसरे गुट के संत भी बैठक कर अगली रणनीति बनाने में जुट गएदूसरे गुट के संत भी बैठक कर अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

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