पंच👊नामा-पिरान कलियर: नामांकन के अंतिम दिन तमाम प्रत्याशी विधिवत रूप से चुनावी मैदान में उतर चुके है, चुनावी बिगुल फूंकने के साथ-साथ प्रत्याशियों ने जोर दिखाना भी शुरू कर दिया है। एक-दूसरे से दो-दो हाथ होने को बेताब प्रत्याशी रणभूमि में जान फूंक रहे है और चुनावी माहैल को अपने पक्ष में करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद वाली प्रक्रिया भी आजमा रहे है।
उत्तराखंड की पिरान विधानसभा का चुनावी अखाड़ा भी पूरी तरह से जम चुका है, चुनावी दंगल में जोर आजमाइश वाले तमाम राजनीतिक योद्धा मैदान में कूद पड़े है। कांग्रेस ने एक बार फिर हाजी फुरकान को मैदान में उतारा है, तो वही भाजपा ने पूर्व भाजपा प्रत्याशी जयभगवान सैनी को साइड करते हुए मुनीष सैनी को प्रत्याशी बनाया है और रणभूमि में उतार दिया है। वही इस सीट से सबसे प्रत्याशी की घोषणा में बाजी मारने वाली आम आदमी पार्टी ने ई. शादाब आलम को अपना योद्धा स्वरूप प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इन्ही के बीच बसपा ने भी सैनी पर दांव खेलते हुए सुरेंद्र सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया है। आज नामांकन के अंतिम दिन इन प्रत्याशियों के बीच आजाद समाज पार्टी ने भी ताल ठोक दी है और झोझा बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रधान अब्दुल वाहिद उर्फ भूरा को मैदान में उतार दिया है। यदि अब जातिगत समीकरणों की बात करें तो फुरकान बनाम भूरा प्रधान एक बिरादरी से ताल्लुक रखते है, ऐसे में भूरा प्रधान बिरादरी के वोटों के साथ साथ अन्य बिना विकल्प वाले वोटों में आसानी से सेंधमारी कर सकते है। वही भाजपा प्रत्याशी मुनीष सैनी भाजपा के कैडर वोट बैंक पर ही दाव खेल रहे है, मसलन टिकट कटने से नाराज अन्य दावेदार फिलहाल तक मुनीष सैनी के लिए मुसीबत का सबब बन हुए है। उधर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ई. शादाब आलम ने अपनी चुनावी जमीन खुद तैयार की है, शादाब आलम ने विधानसभा में अपनी गिनती शून्य से शुरू की थी जो अब काफी हद तक बढ़ चुकी है। इन्ही के बीच बसपा प्रत्याशी फिलहाल रणभूमि से भूमिगत दिखाई पड़ रहे है। जिस तरह से फुरकान अहमद और शादाब आलम प्रचार-प्रसार में दिन-रात एक किए हुए है उस हिसाब से भाजपा प्रत्याशी और बसपा प्रत्याशी अभी बहुत दूर दिखाई पड़ रहे है। बहरहाल आने वाली 14 फरवरी को क्षेत्र की जनता अपने मत का इस्तेमाल करेगी और 10 मार्च को ये तय हो जाएगा कि जनता ने अपना मुखिया किसे चुना है, अभी दिन-प्रतिदिन समीकरण और बदलेंगे।