पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ईडी की छापेमारी, नोटिस और पूछताछ के झंझट के बीच आखिरकार कांग्रेस हाई कमान ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की लोकसभा चुनाव में दावेदारी पर विराम लगा दिया है। हरक सिंह रावत के चौतरफा घिरने पर कांग्रेस ने उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप कर सहारा देने का काम भी किया है।
हरक सिंह रावत को लोकसभा चुनाव में उड़ीसा का पर्यवेक्षक बनाया गया है। हरक सिंह रावत की दावेदारी खत्म होने पर अब हरिद्वार लोकसभा सीट पर टिकट की जंग सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के बीच आकर टिक गई है।
राजनीतिक हल्कों में यह भी चर्चा है कि हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत को चुनाव लड़वाने की तैयारी में हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव में खम ठोक चुके खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर भी अटकलें और कयास लगाने का दौर जारी है।
हालांकि, फिलहाल मामला कच्चा पक्का होने के चलते उमेश कुमार अभी पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता भी उमेश कुमार को लेकर अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रहे हैं।
लेकिन इतना तय है कि यदि उमेश कुमार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो रोचक और रोमांचक मुकाबला होना तय है। ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए भी चुनौती बढ़ सकती है।
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रविवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने अयोध्या पहुंच कर जहां रामलला के दर्शन किये। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने प्रीतम सिंह के घर जाकर मुलाकात की। प्रीतम सिंह टिहरी लोकसभा सीट से पार्टी के सबसे मजबूत दावेदारों में शुमार हैं। मनीष खंडूडी के भाजपा में जाने के बाद पौड़ी लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल के चुनावी अखाड़े में उतारे जाने की चर्चाओं पर मुहर लग चुकी है। नैनीताल व अल्मोड़ा सीट पर यशपाल आर्य, रंजीत रावत, महेंद्र पाल, प्रदीप टम्टा सशक्त दावेदारों में शामिल हैं। अगले दो दिनों में कांग्रेस अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है। जिसमें उत्तराखंड की पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने की उम्मीद है।