पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: दून की शांत वादियों में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक मां के दिल से उसके दो मासूम बेटे छीन लिए गए। पुलिस के लिए यह मामला किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन उनकी मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो बच्चों के अपहरण और बिक्री जैसे अमानवीय अपराध में लिप्त था।पुलिस ने अपहृत 2 वर्षीय बालक को सकुशल बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी की अपनी दो संतानें भी बेचे जाने की जानकारी ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया।
————————————–
मां की दर्दभरी शिकायत और पुलिस की कड़ी कार्रवाई…..
बीती 2 जनवरी को रीना (मानसिक रूप से कमजोर महिला), निवासी यमुना कॉलोनी, देहरादून, ने अपने दो बेटों, आकाश (5 वर्ष) और विकास (2 वर्ष), के अपहरण की शिकायत थाना कैंट में दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर महिला उप-निरीक्षक विनियता चौहान को जांच सौंपी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान अजय सिंह ने तत्काल पुलिस टीमों का गठन कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए।जांच के दौरान राकेश नामक व्यक्ति पर शक गहराया, जो रीना के घर आता-जाता था। गहरी पूछताछ में खुलासा हुआ कि राकेश ने अपने साथी राहुल, राहुल की बेटी तानिया, और धामपुर के प्रियंका-सेंटी के साथ मिलकर बच्चे को 2 लाख रुपये में बेचा था।
————————————–
कैसे बेचा गया बच्चा?—रिश्तों की दलाली की काली कहानी…राकेश और उसके साथी, जो सफाईकर्मी थे, ने पैसे के लालच में रीना को बहला-फुसलाकर उसके दोनों बच्चों को अपने साथ ले गए। राहुल की बेटी तानिया ने प्रियंका नामक महिला से संपर्क कर बच्चे के सौदे की योजना बनाई। फिर मासूम विकास को धामपुर में बेच दिया गया। पुलिस की टीम ने लगातार मैनुअल जांच और सर्विलांस से आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की और अमरोहा में छापा मारकर राकेश, तानिया, प्रियंका और सेंटी को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर सरकथल शिवाला से मासूम विकास को सकुशल बरामद किया गया।
————————————–
मुख्य आरोपी ने बेचे थे अपने बच्चे भी…..
पूछताछ में मुख्य आरोपी राकेश ने कबूल किया कि उसने अपने ही दो बच्चों को पहले ही बेच दिया था। यह चौंकाने वाला खुलासा पुलिस को गहराई से जांच करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
————————————–
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल….
1:- राकेश (सफाईकर्मी, देहरादून)
2:- तानिया (राहुल की बेटी)
3:- प्रियंका (धामपुर निवासी)
4:- सेंटी (प्रियंका का भाई)
————————————–पुलिस टीम का नेतृत्व निरीक्षक कैलाश चंद भट्ट ने किया। महिला उपनिरीक्षक विनियता चौहान की सक्रियता ने इस मामले को सफलतापूर्वक सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। यह मामला बताता है कि किस तरह लालच और इंसानियत का पतन एक व्यक्ति को अपराध की गहरी खाई में धकेल सकता है। पुलिस की सतर्कता और समर्पण ने न सिर्फ एक मासूम की जिंदगी बचाई, बल्कि समाज को ऐसे गिरोहों से सतर्क रहने का संदेश भी दिया। पुलिस कप्तान अजय सिंह ने त्वरित कार्रवाई पर पुलिस टीम की पीठ थपथपाई।