धर्म-कर्महरिद्वार

अंधेर नगरी-चौपट राजा: करोड़ों की “आमदनी वाली दरगाह में घुप अंधेरा..

अफसोस: मोबाइल टॉर्च की रोशनी में खिदमत को देना पड़ा अंजाम..

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पंच👊नामा-पिरान कलियर: पर्याप्त संसाधनों से लैस दरगाह साबिर पाक में अव्यवस्थाए इस कदर हावी है कि दुनियां को रौशनी देने वाली दरगाह में अंधेरा छाया रहा, ऐसे एक बार नही हुआ बल्कि हाल ही में दो मर्तबा हुई जब लाइट चली जाने के कारण मौजूद लोगों ने मोबाइल फोन की टोर्च जलाकर जायरीनों को जियारत कराई, हद तो तब हो गई जब ख़िदमत के दौरान भी लाइट जाने के कारण दरगाह में अंधेरा छाया रहा और मौजूद लोगों ने मोबाइल टोर्च की रौशनी में ही ख़िदमत को अंजाम दिया। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि करोड़ो की इनकम वाली दरगाह और करोड़ो लोगो की आस्था का केंद्र दरगाह साबिर पाक में पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद किस कदर अव्यवस्थाएं है।


आस्था की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक में देश-विदेशों से अकीदतमंद लोग हाजिरी लगाने पहुँचते है, अक़ीदतमंद दरगाह पर दिल खोलकर चढ़ावा भी चढ़ाते है, इसके साथ ही दरगाह से जुड़े ठेकों से प्रत्येक वर्ष दरगाह को करोड़ो की इनकम होती है। इसीलिए दरगाह साबिर पाक को उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह कहा जाता है। दरगाह की व्यवस्थाएं के मद्देनजर दरगाह दफ़्तर बनाया गया है जिसमे प्रबंधक, सुपरवाइजर समेत दर्जनों कर्मचारी तैनात है, इसके साथ ही उच्चन्यायालय के आदेश पर जिला प्रशासन की देखरेख में दरगाह की व्यवस्था चलती है। इतना बड़ा अमला होने के बावजूद अक्सर दरगाह से जुड़ी अव्यवस्थाओं की खबरें सामने आती रहती है।

ताजा मामला दरगाह में ख़िदमत और हाजिरी के दौरान लाइट जाने से अंधेरा छाने का है। बीते दिन और आज जब अचानक दरगाह की लाइट चली गई तो दरगाह में अंधेरा हो गया, तब मौजूद लोगों ने अपने अपने मोबाइल की टोर्च जलाकर व्यवस्था सुचारू रखी। बिडम्बना ये है कि दरगाह की पास बड़ा जरनेटर समेत इन्वेंटर की व्यवस्था मौजूद है लेकिन बावजूद इसके दरगाह में अंधेरा होना इस पूरे अमले की लापरवाही को दर्शाता है। ऐसे पहली बार नही हुआ जब इस तरह का मामला सामने आया हो इससे पूर्व भी इस तरह की अव्यवस्था सामने आती रही है लेकिन सम्बंधित अधिकारी शायद कुम्भकर्णी नींद सोय हुए है।

फाइल फोटो: शाह अली एज़ाज़ कुद्दुसी साबरी (सज्जादानशीन दरगाह साबिर पाक)

कलियर: दरगाह के पास पर्याप्त संसाधन है, यदि इसके बावजूद भी व्यवस्था खराब होती है तो ये मैनेजमेंट की लापरवाही है। दरगाह में अंधेरा होना अच्छी बात नही है, चूंकि दरगाह के पास इन्वेंटर/जरनेटर और उन्हें इस्तेमाल करने के लिए कर्मचारी मौजूद है, फिर भी ऐसा हुआ है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है। अधिकारियों को इसका संज्ञान लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा ना हो।
“”शाह अली एज़ाज़ कुद्दुसी साबरी..

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