लंगर बंद होने से नाराज बाबा धरने पर बैठे, हंगामा…..
पिरान कलियर (उर्स-स्पेशल-7) सरवर सिद्दीकी!
पंचनामा- पिरान कलियर: साबिर पाक के सालाना उर्स का आगाज हुए आज सात दिन हो चुके है, पुरानी परंपरा के मुताबिक उर्स की 7 तारीख को बड़ा लंगर उठने की परंपरा है, पिछले साल कोविड काल के चलते जहां सिर्फ उर्स की रस्मो की अदायगी की गई थीं, और आने वाले जायरिनों की संख्या पर भी पाबंदी थी, इसलिए पिछले वर्ष बड़ा लंगर नही उठ सका था, लेकिन सूफिया-इकराम व मस्तमलंगो को लंगर खाने से लंगर दिया गया था, इस बार जहां प्रशासन उर्स/मेला सम्पन्न कराने की बात कह रहा है और जायरिनों की संख्या पर भी कोई पाबंदी नही है तो ऐसे में लड़ा लंगर उठने वाली परंपरा को भी सुचारू करना चाहिए,

आज सज्जादानशीन के छोटे भाई शाह यावर मियां की सरपरस्ती में सूफी, बाबा और मस्तमलंगो ने दरगाह दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर बड़ा लंगर सुचारू करने की मांग की, उन्होंने बताया बरसो से चली आरही बड़े लंगर की परंपरा को प्रशासन ऐसी ही बन्द नही कर सकता। साबिर पाक के उर्स में दूर दराज से आने वाले सूफिया-इकराम, मस्तमलंगो, खानकाहों पर बड़ा लंगर पहुँचाए जाने की परंपरा सदियों से चली आरही है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के आलाधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि पुरानी रवायतों को चालू रखा जाए, ये खानकाही निजाम है इसमें बदलाव नही करना चाहिए।