अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुलकित, सौरभ और अंकित को उम्रकैद, फांसी की मांग को लेकर कांग्रेस व सामाजिक संगठनों का प्रदर्शन..
कोर्ट ने कहा, नारी अस्मिता से किया गया खिलवाड़ अक्षम्य, प्रदर्शन कार्यों को पुलिस ने बैरिकेडिंगग पर रोका, जमकर हंगामा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
कोटद्वार: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटद्वार की अदालत ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि नारी गरिमा और सामाजिक आस्था के साथ किया गया क्रूर मज़ाक है, जिसे समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।
वही, दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस और कई अन्य सामाजिक व क्षेत्रीय संगठनों ने कोर्ट परिसर से कुछ दूरी पर हंगामा किया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें व मुश्किल रोका।
कोर्ट ने रिसॉर्ट स्वामी पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को भादंवि की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
सजा सुनते ही कोर्ट में सन्नाटा…..
अदालत का फैसला सुनते ही कोर्ट रूम में एक पल को सन्नाटा पसर गया। पीड़िता के परिजनों की आंखों में आंसू छलक पड़े। उन्होंने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा, “बेटी तो वापस नहीं आएगी, परंतु न्याय मिला है।” वहीं, बाहर मौजूद आम लोगों ने दोषियों को फांसी की मांग दोहराई, हालांकि कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर उम्रकैद को उपयुक्त माना।अदालत की टिप्पणी…..
अदालत ने फैसले में कहा— “एक युवती को बार-बार मानसिक प्रताड़ना देकर, जबरन गलत मांगें थोपकर अंत में उसकी निर्मम हत्या कर देना सभ्य समाज के माथे पर कलंक है। यह अदालत दोषियों के प्रति कोई नरमी बरतने का कारण नहीं देखती।”क्या है पूरा मामला…..
सितंबर 2022 में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी। जांच में पता चला कि रिसॉर्ट के मालिक और उसके सहयोगी उस पर “वीआईपी” ग्राहकों को खुश करने का दबाव बना रहे थे। विरोध करने पर अंकिता को देर रात चीला नहर में धक्का देकर मार डाला गया। घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया था।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम…..
फैसले के दिन कोर्ट परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। आसपास के रास्तों को सील कर दिया गया। मीडिया को भी कोर्ट से 200 मीटर पहले ही रोक दिया गया।