
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार/रुड़की: भाजपा युवा मोर्चा और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे अमरदीप चौधरी हत्याकांड में अब आरोपियों ने केस की पैरवी कर रही उनकी भाभी की हत्या की साजिश सच डाली।
हत्याकांड में जमानत पर छूट बाप बेटे और मेरठ से हथियारों समेत बुलाए गए तीन बदमाशों को रुड़की में गंग नहर कोतवाली की पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया है।
पता चला है कि केस बंद कराने के लिए अमरदीप के छोटे भाई बादल चौधरी की पत्नी शेफाली चौधरी को रुड़की कोर्ट के आसपास गोलियों से भूनकर हत्या करने की तैयारी थी। इस मामले में एक मुकदमा पुलिस की ओर से और दूसरा शेफाली चौधरी एडवोकेट की ओर से दर्ज कराया गया है।
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कनखल के जगजीतपुर क्षेत्र में फरवरी 2023 में अमरदीप चौधरी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो सगे भाइयों और उनके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपी पिता राजकुमार मलिक और एक बेटा हर्षदीप मलिक फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। आरोपियों ने केस की फाइल हरिद्वार कोर्ट से रुड़की कोर्ट ट्रांसफर कराई हुई है। वहीं पर इस केस की सुनवाई चल रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल ने बताया कि रामनगर कोर्ट परिसर के पास एक स्विफ्ट कार में पांच हथियार बंद लोगों के बैठे होने की सूचना मिली थी। जिस पर गंग नहर कोतवाली प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने छापा मारा।
पुलिस टीम को देखते ही कार में बैठे पांचों युवक अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे। पीछा कर पुलिस ने सबसे पहले मनीकांत शर्मा पुत्र श्यामसुंदर निवासी फिटकरी, थाना इंचौली, मेरठ को दबोचा। उसके पास से 315 बोर के दो जिंदा कारतूस और नकदी बरामद हुई।
इसके बाद हर्षदीप मलिक पुत्र राजकुमार निवासी राहवती, थाना बहसूमा, मेरठ को पकड़ा गया। उसकी पैंट की जेब से .32 बोर की पिस्टल और चार कारतूस बरामद हुए। तीसरे आरोपी राजकुमार पुत्र कालूराम सिंह निवासी राहवती, मेरठ के पास से 315 बोर के तीन जिंदा कारतूस मिले।
चौथे आरोपी अनुज पुत्र रणवीर सिंह निवासी झिझाड़पुर, थाना फलावदा, मेरठ को माधोपुर अंडरपास से दबोचा गया। उसकी तलाशी में 315 बोर का तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए।
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कोर्ट परिसर में हत्या की थी साजिश…..
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे कोर्ट में चल रहे अपने हत्या के मामले की तारीख पर आए थे और उसी केस की वादी शैफाली को मारने की योजना बना रहे थे। आरोपियों ने अपने फरार साथी का नाम पवन कुमार पुत्र रमेश चंद्र निवासी बुवारा कला, मुजफ्फरनगर बताया।
इस मामले में उप निरीक्षक मुनव्वर हसैन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। वही शेफाली चौधरी की ओर से भी एक मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। समय रहते साजिश का पर्दाफाश हो गया। अन्यथा रुड़की कोर्ट परिसर में शेफाली चौधरी की हत्या तय थी।
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बरामदगी का ब्योरा…..
एक देशी पिस्टल .32 बोर
दो तमंचे 315 बोर
11 जिंदा कारतूस (विभिन्न बोर)



