अपराधहरिद्वार

भू माफिया यशपाल तोमर पर एक और मुकदमा, सहयोगी पर 10 हजार का इनाम..

20 साल पहले फर्जी दस्तावेजों से छुड़ाई थी चोरी की कार, जांच में खुली परतें..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भू माफिया यशपाल तोमर पर कानून का शिकंजा कसता ही चला जा रहा है। उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि वर्ष 2002 में मुठभेड़ के दौरान सीज हुई कार को उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट से रिलीज कराया था। इस मामले में यशपाल के खिलाफ कूटरचना, धोखाधड़ी सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, उसके दाहिने हाथ की हैसियत रखने वाले धीरज डिगानी पर 10 हजार का इनाम घोषित किया गया है।
ज्वालापुर की चर्चित और विवादित 56 बीघा जमीन के मामले में जेल जाने के बाद से भूमाफिया यशपाल तोमर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में उत्तराखंड एसटीएफ ने उसकी 153 करोड़ की चल अचल संपत्तियां कुर्क की थी। एसटीएफ को पता चला है कि 20 वर्ष पूर्व मुठभेड़ में हरिद्वार पुलिस के हत्थे चढ़े यशपाल ने उस वक्त सीज की गई मारूति कार को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर रिलीज करवा लिया था। हैरानी की बात यह रही कि कार गुरूग्राम हरियाणा से चोरी की गई थी। यह जानकारी सामने आने पर एसटीएफ के एसआई यादवेंद्र बाजवा की तरफ से यशपाल व उस समय वाहन स्वामी बनकर कोर्ट में पेश होने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
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दो पहिया वाहन के लगाए दस्तावेज….
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि वर्ष 2002 में यशपाल व उसके तीन चार साथियों को हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस वक्त आरोपियों के कब्जे से असलहे व एक मारूति कार मिली थी, जिसे सीज कर दिया गया था। असल में कार पर जो नंबर दर्ज था, यह नंबर एक दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ था। बताया कि जमानत पर छूटने के बाद शातिर यशपाल तोमर ने कार को छुड़ाने के लिए प्लानिंग करते हुए कोर्ट में फर्जी व्यक्ति मुकेश पुत्र महावीर सिंह निवासी रेलवे रोड़ रोहतक हरियाणा को पेश किया। जिसने कोर्ट के समक्ष उक्त वाहन का स्वामी होने की बात कही। कहा कि यशपाल उससे वाहन चलाने के लिए मांगकर ले गया था, जिसके बाद मुकेश नाम के व्यक्ति ने अपना परिचय पत्र, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पेश किया। कोर्ट ने
वाहन रिलीज कर दिया, जिसके बाद यशपाल कार लेकर चला गया। बताया कि कार को छुड़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाएगए थे। हकीकत में वर्ष 2001 में कार सिटी कोतवाली उस वक्त गुड़गॉव हरियाणा से चोरी हुई थी, जिसके स्वामी संदीप रैना ने इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया था।

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