पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कांग्रेस ने जिले की 9 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। आखिर ऐसी क्या वजह है कि हरिद्वार ग्रामीण और रुड़की सीट पर अभी तक पत्ते नहीं खोले जा रहे हैं। इसके पीछे की परतें खोलने पर पता चलता है कि बगावत का खतरा टालने के लिए कांग्रेस हाईकमान जानबूझकर यह देरी कर रहा है। यह भी पक्की खबर है कि “एक परिवार, एक टिकट” के फार्मूले को तार-तार करते हुए अनुपमा का टिकट फाइनल कर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों को खतरा यह है कि इस सीट पर टिकट मांग रहे दावेदार कहीं बागी होकर नामांकन करते हुए उनके लिए मुश्किल ना खड़ी कर दे। 2 दिन पहले प्रीतम सिंह ने अचानक गुरजीत लहरी का नाम लाकर सबको चौंका दिया था प्रीतम का तर्क था कि पूरे उत्तराखंड में एक सिख उम्मीदवार को भी टिकट दिया जाना चाहिए। लेकिन प्रीतम सिंह की इस मांग को हाईकमान ने सितारगंज में टिकट देकर पूरा कर दिया है। इसलिए हरिद्वार ग्रामीण सीट पर टिकट के दावेदारों में अब लहरी का नाम कोसों दूर तक नहीं है। यहां पार्टी को सबसे ज्यादा खतरा मुस्लिम दावेदारों से है। यही वजह है कि अनुपमा के नाम की घोषणा करने से पहले सबसे ज्यादा दिलासा मुस्लिम दावेदारों को ही दिया जा रहा है। इस सीट पर हनीफ अंसारी एडवोकेट, राजीव चौधरी जैसे नाम टिकट की दावेदारी में सबसे प्रमुख हैं।
अंदर की बात यह है कि इन दावेदारों के अलावा लक्सर सीट पर टिकट पाने से वंचित रह गए पूर्व विधायक हाजी तस्लीम और बसपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाले मुकर्रम अंसारी और इरशाद अंसारी तक को हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ाने का भरोसा दिलाया हुआ है। इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ यही वजह है कि कहीं कोई दावेदार असंतुष्ट होकर नामांकन ना कर दे। सूत्र बताते हैं कि रणनीति के तहत अनुपमा रावत का नाम उस समय फाइनल किया जाएगा, जब किसी और दावेदार के सामने नामांकन करने का वक्त ही नहीं रहेगा।
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अंसारी और तेली बिरादरी को घर बैठाने की तैयारी……
हरिद्वार: जिले के मुस्लिम समाज में अगर जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो अंसारी और तेली बिरादरी बड़ी संख्या में हैं। हनीफ अंसारी एडवोकेट और पूर्व विधायक हाजी तस्लीम इन्हीं दोनों बिरादरियों से आते हैं। लक्सर से चंद रोज पहले पार्टी में आने वाले अंतरिक्ष सैनी के लिए हाजी तस्लीम का टिकट काटने और अब अनुपमा को टिकट देने के लिए हनीफ अंसारी एडवोकेट को दरकिनार करने से इन दोनों ही बिरादरियों में कांग्रेस को लेकर नाराजगी सामने आनी तय है। क्योंकि, हरिद्वार ग्रामीण और लक्सर सीट के अलावा जिले की कई सीटों पर इन बिरादरियों के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है और यह कांग्रेस का ही वोट बैंक माना जाता है। राजनीतिक हलकों में एक गुप्त समझौते की चर्चा भी जोरों पर हैं। “पंच👊नामा…✍🏻 बहुत जल्द इस खुफिया समझौते का राजफाश करेगा।
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