पंच👊नामा-ब्यूरो
पिरान कलियर: रमजान-उल-मुबारक का मंगलवार को दस वा रोजा लोगों ने रखकर अल्लाह को याद किया। इस पवित्र माह में रोजा रखने से इसका कई गुणा सवाब मिलता है। बड़े बुजुर्ग और महिलाओं के साथ-साथ मासूम बच्चों में रोजा रखने का उत्साह देखते ही बन रहा है। मासूम बच्चे भी अपने रब की रजा के लिए रोजा रख रहे है। पिरान कलियर के मेहवड कला में शहजाद अहमद की बेटी अप्सरा ने आठ साल की उम्र में अपना पहला रोजा रखकर अल्लाह की बारगाह में अपनी हाजिरी लगाई। अप्सरा के रोजा रखने से पूरा परिवार काफी खुश हैं। मुहल्ले के लोगों के अलावा परिजनों ने अपसरा को बधाई दी है। मासूम बच्ची ने बताया कि राेजा रखने से उसे खुशी मिली है और पूरे परिवार के साथ उसने पहले सहरी खाई फिर पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर सबकी साथ रोजा इफ्तार किया।
बता दे कि इस्लाम मे बच्चों के प्रशिक्षण को बहुत महत्व दिया गया है। हदीस में आता है कि जब संतान सात साल कि हो जाऐ तो उसे नमाज़ का आदेश दिया करों और जब वे दस साल की उम्र तक पहुँच जाऐ तो नमाज पाबंदी के साथ अदा कराए, वही रमजान के महीने में छोटे बच्चे जब पहली बार नमाज़ पढ़े या रोजा रखें तो उनकी हौसलाअफजाई करे, ताकि वह इस्लाम के अहकाम को पूरा करने वाले बने।