“अब नहीं चलेगी मनमानी, डीएम ने कसी दरगाह प्रबंधक की नकेल, सीज की वित्तीय लेनदेन की पावर, सात दिन में जवाब तलब..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधकीय हालातों को लेकर लंबे समय से उठ रही आवाजों के बीच आखिरकार जिलाधिकारी मय्यूर दीक्षित ने बड़ा कदम उठाया है। दरगाह की प्रबंधक रजिया बेगम के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें 7 दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। साथ ही, तत्काल प्रभाव से दरगाह के सभी वित्तीय और प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप पर रोक लगा दी गई है।
दरअसल, यह कार्रवाई उस समय हुई जब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से की गई विशेष जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और प्रशासनिक गड़बड़ियां सामने आईं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, दरगाह से जुड़े ठेकों का संचालन बिना अनुमोदन के, खातों से निकासी बिना अनुमति के, और विभिन्न मदों में भारी वित्तीय अनियमितताओं के कई उदाहरण मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि दरगाह निधि से संबंधित खर्चों का कोई समुचित लेखा-जोखा नहीं रखा गया, जिससे पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
डीएम द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रबंधक द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और वक्फ बोर्ड के दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना की गई है। प्रारंभिक जांच में ₹10.88 लाख की सीधी वित्तीय अनियमितता और लगभग ₹2.33 करोड़ रुपये तक की संदिग्ध वित्तीय गड़बड़ियों का अनुमान जताया गया है। प्रशासन ने यह भी माना है कि यदि समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो दरगाह की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता था।
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🔹 वक्फ बोर्ड की कई रिपोर्टों में पहले भी उठे सवाल…..
यह कोई पहला मौका नहीं है जब पिरान कलियर दरगाह प्रबंधक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हों। बीते दिनों में वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने दरगाह के संचालन और वित्तीय गतिविधियों को लेकर रिपोर्टें भेजी थीं, जिनमें कई वित्तीय अनियमितताएं और पारदर्शिता की कमी का उल्लेख था। बावजूद इसके, कार्रवाई के नाम पर अब तक “ऊंट के मुंह में जीरा” जैसी स्थिति बनी रही।
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🔹 राजनीतिक स्तर पर भी उठ चुका है मामला….
दरगाह के प्रबंधकीय कामकाज को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर भी राजनीतिक विरोध और धरना-प्रदर्शन हुए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रीय विधायकों ने कई बार जिला प्रशासन और वक्फ बोर्ड से शिकायतें कीं, लेकिन ठोस कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही रही। बताया जा रहा है कि ताजा जांच में जो तथ्य सामने आए, वे इतने गंभीर थे कि जिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया।
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🔹 डीएम का कड़ा निर्देश — किसी भी प्रकार का भुगतान या लेनदेन न किया जाए….
जारी नोटिस में डीएम ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जांच पूरी होने तक दरगाह प्रबंधक किसी भी प्रकार के वित्तीय या प्रशासनिक निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगी, और उनके हस्ताक्षर से कोई भी भुगतान अथवा फाइल प्रक्रिया नहीं होगी। सभी वित्तीय और प्रशासनिक कार्य अब वक्फ बोर्ड और जिला प्रशासन की निगरानी में होंगे।
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🔹 असंतोषजनक जवाब पर विभागीय कार्रवाई तय….
डीएम मय्यूर दीक्षित ने कहा है कि यदि सात दिन के भीतर प्राप्त स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो प्रबंधक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, और मामले को उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। इस पूरे मामले से पिरान कलियर दरगाह प्रशासन में हड़कंप मच गया है। स्थानीय स्तर पर इसे वर्षों से चली आ रही ‘दरगाह प्रबंधन की राजनीति’ और ‘फंड के दुरुपयोग’ के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है।



