अर्चना हत्याकांड: पोती समेत दो आरोपी जेल गए, पर कहानी के कई किरदारों से पर्दा उठाना अभी बाकी..
प्रेमी अनुराग समेत पर्दे के पीछे के संदिग्धों की कुंडली खंगाल रही पुलिस, क्षेत्र में गूंज रही कई तरह की चर्चाएं..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर में तीर्थ पुरोहित परिवार की बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में पुलिस आरोपी पोती और एक अन्य को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर चुकी है, लेकिन क्या कहानी में सिर्फ इतने ही किरदार हैं…??

आमजन के मन में उठ रहा यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण है और पुलिस की तफ्तीश का केंद्र बिंदु बना हुआ है। यही वजह है कि “मास्टरमाइंड पोती के शातिर प्रेमी अनुराग समेत ऐसे कई संदिग्धों की कुंडली खंगाली जा रही है, जिनकी भूमिका अभी तक साफ नहीं हो पाई।

इस मामले को लेकर क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं गूंज रही हैं। गंगा सप्तमी के दिन जब तीर्थ पुरोहित परिवार का बच्चा-बच्चा हरकी पैड़ी पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने गया था, तब ऐसे कौन लोग थे जो बिना किसी ठोस कारण अपने घर में मौजूद थे और इसके पीछे उनका क्या उद्देश्य था।

इसको लेकर भी कई तरह की सुगबुगाहट सुनी जा रही है। यह भी संभव है कि पुलिस पूरी शिद्दत और बारीकी से कड़िया जोड़े, तो कई चेहरों से नकाब हट सकता है।

हालांकि सूत्र बताते हैं कि ऐसे कुछ सुराग अभी तक की पड़ताल में पुलिस के हाथ भी लगे हैं जिनका इस हत्याकांड से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध हो सकता है।

कुल मिलाकर बात यह है कि जैसा अभी तक की कहानी में सामने आया है, केवल और केवल वही पूरा सच नहीं है, उसके अलावा और पीछे की कुछ सच्चाई बाहर आनी अभी बाकी है।
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हत्याकांड से किस-किस को होना था फायदा……पुलिस के खुलासे पर गौर करें तो बुजुर्ग महिला को ठिकाने लगाने से उनकी पोती और प्रेमी अनुराग को सीधे तौर पर फायदा होना था। हालांकि, अजीब बात यह है कि मुख्य लाभार्थी यानि अनुराग अभी तक पुलिस की तहकीकात में मुलजिम साबित नहीं हो पाया है, हालांकि पुलिस कड़ियां जोड़ते हुए उसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का दावा कर रही है।

जबकि यह बात साफ हो चुकी है कि अनुराग अपनी प्रेमिका के हाथों मिलने वाले चोरी के लाखों रुपए अपने महंगे खर्च और शौक पर बहा चुका था। ऐसा भी बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही उसने बुलेट मोटरसाइकिल भी खरीदी थी। इसके बावजूद प्रेमिका के मुंह से उसके साजिश में शामिल न होने और पूरे मामले से अनभिज्ञ होने की बात किसी के गले नहीं उतर रही है।

यह सवाल भी उठ रहा है कि अनुराग को बचाना भी तो कहीं साजिश का हिस्सा नहीं था। इनके अलावा और कौन व्यक्ति ऐसा हो सकता है, जिसको बुजुर्ग महिला के दिवंगत होने से फायदा मिलना था, कहीं आसपास और जड़ें तो कहीं नहीं जुड़ रही हैं, यह भी जांच का विषय है।

ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रमेश सिंह तनवार का कहना है कि पुलिस की जांच में अभी तक जिन दो आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं उनको गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया जा चुका है। इस मामले में और कौन-कौन लोग संलिप्त हो सकते हैं, इस बारे में गहराई से पड़ताल की जा रही है।