गौकशी, कच्ची शराब और साम्प्रदायिक तनाव: तीनों ही मोर्चों पर फिसड्डी रहे डिमरी..
पब्लिक पुलिसिंग कमजोर होने के चलते भेजा गया एसओजी, एसएसपी अजय सिंह ने संवेदनशीलता के मद्देनजर पथरी थाने में इंस्पेक्टर को दी तैनाती..

पंच👊नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: गौकशी, कच्ची शराब और सांप्रदायिक तनाव: जिले के अतिसंवेदनशील थानों में शुमार पथरी थानाक्षेत्र में यह तीन प्रमुख चुनौतियां हैं। निर्वतमान थानाध्यक्ष पवन डिमरी इन तीनों ही मोर्चों पर फिसड्डी साबित हुए।

पब्लिक पुलिसिंग तो छोड़ ही दीजिये। थाने से मायूस होने के बाद आए दिन पथरी क्षेत्र से पीड़ित अपनी फरियाद लेकर आला अधिकारियों के दफ्तरों में पहुंच रहे थे। अधिकारी बैठकों में निर्देश देते रहे, लेकिन ना तो गौकशी पर रोक लग पाई और ना कच्ची शराब का धंधा बंद हुआ।

मामूली विवादों का सांप्रदायिक मोड़ लेना तो आम बात रही। क्षेत्र की संवेदनशीलता धीरे-धीरे बढ़कर चरम पर पहुंचने के चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को कड़ा फैसला लेना पड़ा। तीनों प्रमुख चुनौतियों को पार करने के लिए यहां अनुभवी इंस्पेक्टर रमेश तनवार को तैनात किया गया है।

रानीपुर और सिडकुल थाने में चंद ही दिनों में गुंडा तत्वों और उपद्रवियों को ठिकाने लगाने वाले इंस्पेक्टर रमेश तनवार के सामने भी यही तीनों चुनौतियां प्रमुख रहेंगी।
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“एसओजी में पब्लिक से कोई वास्ता नहीं……
थाना कोतवाली में पुलिस का आमना-सामना सीधे जनता से होता है। कई बार कानूनी कार्रवाई से तो कभी डांट फटकार कर भी काम चलाना पड़ता है। पानी सर से ऊपर गुजर जाए तो कड़े फैसले भी देने पड़ते हैं। सिर्फ मूछों को ताव देकर फोटो खिंचाने से आपराधिक तत्व कब्जे में नहीं आते।

दूसरी अहम बात ये गया कि आमजन को अपनी शिकायत लेकर आने से पहले सौ बार सोचना पड़े तो ऐसे अधिकारी को थाने में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

पुलिसकर्मियों में चर्चा है कि इसी कारण थानाध्यक्ष पवन डिमरी को हटाकर एसओजी रुड़की भेजा गया है। चूंकि एसओजी का पब्लिक से कोई सीधा वास्ता मतलब नहीं होता है।
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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गौकशी व कच्ची शराब पर नियंत्रण व लॉ एंड आर्डर” मजबूत बनाने के लिए पथरी थाने में इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है। इंस्पेक्टर और एसएसआई की तैनाती से व्यवस्थाएं सुचारू तरीके से संचालित हो सकेंगी।