धर्म-कर्महरिद्वार

जियारत के साथ स्नान: कलियर में “मोक्षदायिनी गंगा दे रही सौहार्द का पैग़ाम….

गंगा किनारे साबिर पाक की दरगाह पर देश दुनिया से पहुंचते हैं जायरीन...

इस खबर को सुनिए
विज्ञापन……..

फाइल फोटो……

: दरगाह में चादरपोशी के साथ ही 90 फीसद जायरीन लगाते हैं गंगा में डुबकी….

(पिरान कलियर उर्स स्पेशल-6)

प्रवेज़ आलम!
पिरान कलियर: सनातन धर्म की आस्था का केंद्र और भारत की जीवन रेखा कही जाने वाली पवित्र “गंगा हरिद्वार में हिन्दू-मुस्लिम को एकता को मजबूत करती है। इसे महज संयोग कहा जाये या प्रकृति का वरदान कि कलियर आने वाले अधिकांश हिन्दू-मुस्लिम जायरीन गंगा स्नान का सौभाग्य खुद ही प्राप्त हो जाता है। सनातन धर्म में हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के धार्मिक महत्व से कोई भी अनजान नहीं है, क्या सुखद नजारा है कि कलियर आने वाले 90 फीसदी हिंदू-मुस्लिम जायरीन भी गंगा स्नान ज़रूर करते हैं।

भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश हैं जहां आस्था, श्रद्धा और विश्वास की त्रिवेणी का संगम न केवल शहरों बल्कि गांव देहातों में भी देखा जाता है। हरिद्वार धर्म और आध्यात्म की ऐसी अनुपम नगरी हैं जहां नित-दिन अधिकांश आश्रमों से धर्म और आध्यात्म आधारित उपदेश गूंजते हैं। तो कलियर से सूफियों के मानव कल्याण का संदेश देते प्रवचन सुनाई देते है। दुनिया को विश्व बन्धुत्व का संदेश देती दो धर्मनगरी हरिद्वार और कलियर ने दुनिया भर में वैचारिक स्तर पर लड़ रहे लोगां का ईश्वर एक होने और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म होने का संदेश दे रहे हैं। यह इंसान की सबसे बड़ी नासमझी है कि श्रेष्ठता की जंग में एक दूसरे को नीचा दिखाने पर तुला है वर्ना गंगा और सूफी सन्तों ने मानव को मानव से जोड़ने का काम किया है जिस तरह गंगा बिना किसी भेदभाव के सबकी प्यास बुझाती है और हिन्दू मुस्लिम सभी के खेतों को सींचती है वैसे ही सूफियों और वलियों की दरगाह से भी हर मजहब-ओ-मिल्लत के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। पिरान कलियर स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक का सालाना उर्स का आगाज हो चुका है। ये उर्स विश्व का इकलौता ऐसा उर्स जहां आने वाले जायरीनों न केवल इस्लाम के विश्व विख्यात वली हजरत मख्दूम अलाउददीन अली अहमद साबिर की दरगाह में जियारत कर अपनी मन्नत मुरादे मांगते है, बल्कि गंगा स्नान का पुण्य लाभ भी अर्जित करते है। सनातन और इस्लाम संस्कृति का अनभुत संगम यानि कलियर का वह सालाना उर्स का आगाज़ हो चुका है लगभग आधा महीना चलने वाले इस उर्स में दूर-दराज से जायरीन आते है, जिनमे सभी धर्मो के लोग बड़े अक़ीदत से दरबार में हाजरी पेश करते है। यहां आने वाले जायरीनों को जियारत और स्नान का दोहरा पुण्य प्राप्त होता है।


भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार जिले की पहचान हरकी पैड़ी के साथ-साथ कलियर स्थित साबिर पाक की दरगाह से होती है। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा मुस्लिम तीर्थ स्थल है।


पिरान कलियर उत्तराखंड का एक ऐसा वाहिद स्थल है, जहां अगल-बगल गंगा की दो धाराएं नए और पुराने गंग नहर के तौर पर अकीदत नगरी की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!