
पंचनामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत के बाद हुए बवाल पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का दौर चरम पर है। घटना को लेकर दोनों ही पक्ष खुद को पीड़ित बता रहे हैं। लेकिन असली सच्चाई वायरल हो रहे वीडियो से खुलकर सामने आ रही है।

सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें युवक की मौत के बाद दलित पक्ष के समर्थक तांडव मचाते हुए साफ नजर आ रहे हैं। युवक की मौत बेशक दुखद है, लेकिन उपद्रवियों का जो रूप वायरल वीडियो में नजर आ रहा है, उसने पीड़ित शब्द की परिभाषा ही बदल कर रख दी है।

एक वीडियो में युवक जहां लाठी-डंडे लेकर इंस्पेक्टर मनोज मेनवाल को जान लेने की नीयत से लाठी-डंडों से बुरी तरह हमला करते नजर आ रहे हैं। गंदी-गंदी गालियों के साथ उपद्रवी यह कहते हुए भी सुने जा रहे हैं कि पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दो।

वहीं, एक दूसरे वीडियो में बाइक में आगजनी दिख रही है और एसएसपी अजय सिंह खुद हेलमेट और डंडे के साथ बवाल शांत कराते दिख रहे हैं। एक और तीसरे वीडियो में दलित पक्ष के समर्थक रोड बिरादरी के घर में घुसकर तोड़फोड़ और मारपीट करते हुए देखे जा रहे हैं।

अन्य अलग-अलग वीडियो में पुलिस के बाकी अधिकारी उपद्रवियों से जूझते दिख रहे हैं। सामने भीड़ हाथों में ईट-पत्थर लिए नजर आ रही है। इस मामले में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज होने के बाद कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के बीच कई सवाल इन वीडियो के आधार पर भी उठ रहे हैं। किसी भी स्तर की जांच में इन वीडियो में दिख रहे तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।